झाबुआ पोस्ट । शासकीय हाई एवं हॉयर सेकेण्डरी की 9 वीं एवं 10 वीं कक्षा में विज्ञान विषय के प्रायोगिक कार्यों के महत्व को देखते हुए शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण 20 से 31 जुलाई के बीच सम्पन्न होगा। राज्य शासन ने इसके लिये सभी जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किये हैं। पिछले साल दो दिवस का प्रशिक्षण दिया गया था। फॉलोअप की दृष्टि से इस साल फिर से प्रेक्टिलक के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत महसूस की गई । हाई एवं हॉयर सेकेण्डरी की 9 वीं एवं 10 वीं कक्षाओं में प्रेक्टिकल के लिये वार्षिक परीक्षा में अंक भी दिये जाते हैं।
प्रशिक्षण के लिये शाला में विज्ञान पढ़ाने एवं प्रायोगिक कार्य करवाने वाले शिक्षकों का चिन्हांकन किया जायेगा। प्रत्येक शाला से एक शिक्षक को चिन्हित करने को कहा गया है। जिला/ विकासखंड मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट विद्यालय या अन्य सुविधा सम्पन्न विद्यालय को चिन्हित कर प्राचार्य को प्रशिक्षण कार्य की सूचना दी जायेगी। प्रशिक्षण के लिये जिलों को भोपाल जिले का मॉड्यूल भेजा गया है। जिले द्वारा तैयार मॉड्यूल का भोपाल मॉड्यूल से तुलनात्मक परीक्षण किया जायेगा। श्रेष्ठ मॉड्यूल का उपयोग प्रशिक्षण में होगा। मॉड्यूल माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 9 वीं एवं 10 वीं के लिये निर्धारित प्रायोगिक परीक्षा पाठ्यक्रम पर आधारित रहेगी। मॉड्यूल में प्रयोग संबंधी सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट रूप से रहेगी, ताकि वह बाद में प्रायोगिक कार्य करवाये जाने के बाद शिक्षकों का मार्गदर्शन करती रहेगी। मॉड्यूल की एक-एक प्रति सभी प्रशिक्षणार्थी शिक्षक को उपलब्ध करवाई जायेगी।
प्रशिक्षण के लिये ऐसे विद्यालय का चयन होगा, जहाँ प्रयोगशाला अच्छी स्थिति में हो तथा न्यूनतम 30 व्यक्तियों के लिए प्रेक्टिकल करने की व्यवस्था हो। अधिक संख्या होने पर सुविधानुसार अलग-अलग बैच बनाये जायेंगे। प्रशिक्षण सामान्यत: दो दिन का रहेगा। मॉनीटरिंग के लिये डीईओ प्रतिदिन आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।
प्रशिक्षण में शामिल होने वाले शिक्षकों का आरंभ में प्री-टेस्ट तथा समापन में पोस्ट टेस्ट करवाया जायेगा। समापन के बाद मुख्य गतिविधियों को छायाचित्र सहित राज्य मुख्यालय के प्रशिक्षण कक्ष में जमा करवाया जायेगा।
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