झाबुआ पोस्ट में पहले ही बताया था कि जिले में 19 जुलाई से अच्छी बारिश की उम्मीद है….18-19 जुलाई की रात भर मेघ रिमझिम बरसते रहे । नतीजन क्षेत्र के छोटी बड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ गया । रात भर बारिश के चलते सुनार नदी उफान पर आ गई । सुनार आकर अनास में मिलती है, जिससे अनास का जल स्तर भी बढ़ गया । उफनती सुनार में दो पानी के टैंकर बहकर निकल गए । ये टैंकर पंचायतों को अलग-अलग निधी से प्रदाय किए गए । ये टैंकर किस पंचायत के थे अभी इसका पता नहीं चल पाया है । चश्मदीदों के मुताबिक सुबह करीब 7.30 पानी में दो टैंकर बहते हुए निकले । रंगपुरा के पूराने पूल के करीब 20 फीट ऊपर से पानी जा रहा है । यहां PWD विभाग की लापरवाही भी देखने को मिली । पुराने पुल की ओर जाने वाले रास्ते पर अब बैरिकेट्स नहीं लगाए गए हैं, जबकि नदी का पानी देखने के लिए वाहन लेकर पुल पर नदी के मुहाने तक जा रहे हैं । आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके से नदारद दिखी ।
झाबुआ में बन रहे मुक्तिधाम भी सुनार नदी की मार से नहीं बच पाया । तेज बहाव ने मुक्तिधाम की बाउंड्रीवाल को गिरा दिया । पानी काफी ऊपर तक पहुंच गया था ।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक जिले में अगले 2-3 दिनों तक बारिश का सिलासिला जारी रहेगा । इस कभी रिमझिम तो कभी मुसलाधार बारिश हो सकती है ।
वैसे पानी का इंतजार महीन भर से किया जा रहा था, पहली बारिश में पूरे अंचल में बोवनी की जा चुकी थी । ऐसे में बारिश खेंच ने फसलों को मुरझाना शुरू कर दिया था । लेकिन रात भर से जारी रिमझिम ने फसलों को नया जीवन दान दिया, वहीं किसानों के मुरझाए चेहरे भी खिला दिए ।
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