झाबुआ पोस्ट । मध्यप्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री मायासिंह झाबुआ जिले में दौरे पर पहुंची….दौरा करने के बाद मंत्री मायासिंह ने सारी व्यवस्थाओं और इंतजामों को ठीक बताया….लेकिन हकीकत क्या ये हम आपको दिखवाते हैं कि कैसे एक ही शहर में कुछ कि.मी. की दूरी पर आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी फर्क रह गया । मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री मायासिंह ने गुरूवार को झाबुआ जिले में विभाग की समीक्षा बैठक लेन पहुंची थी.उसके पहले आंगनवाड़ी का निरीक्षण भी कर लिया. मैडम का दौरा पहले से तय था तो विभाग ने आनन-फानन में दो चार आंगनवाड़ियों की रंगाई-पुताई करवाकर तैयार करवा दिया । और निरीक्षण के लिए वहीं ले जाया गया जो हाल ही में पूरी तरह से तैयार हुई थी । मैडम का ये निरीक्षण औपचारिक ही रहा । पूरी तरह से मैनेज किया हुआ । लेकिन मंत्री जी आपने जो देखा वो सच नहीं, आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की हकीकत हम आपको दिखवाते हैं । हम आपको तीन आंगनवाड़ियां दिखाते हैं जो आपके विभाग की पोल खोल देंगे । एक जहां आप गई और बाकी जहां झाबुआ पोस्ट की टीम पहुंची । ये वो आंगनवाड़ी है जहां मंत्री जी जहां आप गई थी बच्चों के लिए कुर्सियां भी, टेबल भी, सारे इंतजाम भी किए हुए हैं,रंगाई-पुताई भी की गई,.आंगनवाड़ी के पास फैंसिग भी की गई….लेकिन मंत्री जी का दौरा कार्यक्रम तय होने के बाद……. दौरा करने के बाद मैडम बोली भी किस सब बढ़िया है, देख कर अच्छा लगा ।
वार्ड क्रमांक 9 की आंगनवाड़ी जहां महिला एवं बालविकास मंत्री मायासिंह निरीक्षण करने पहुंची थी ।
झाबुआ में ही इस सुसज्जित आंगनवाड़ी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक आंगनवाड़ी ये वार्ड क्रमांक 7 की है । यहां के हालात कुछ अलग हैं । यहां बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर हैं । ना कुर्सियां ना रंगाई-पुताई और ना ही खेल खिलौने । बच्चों के पास गणवेश भी नहीं है । जहां ये आंगनवाड़ी भवन है वहां मटन मार्केट हैं…बदबू और गंदगी से बुरा हाल है….अब आप ही बताईये ऐसे कैसे बच्चों को बेहतर माहौल मिलेगा ।
वार्ड क्रमांक 7 की आंगनवाड़ी जहां बच्चे जमीन पर बैठे हैं । ना कुर्सी है और ना ही भवन की रंगाई पुताई हुई ।
आंगनवाड़ी की एक और तस्वीर हम आपको दिखाते हैं…..ये झाबुआ से 15 किमी. दूर एक गांव की है…..ये खंडहर नहीं आंगनवाड़ी है…….जी हां ये आंगनवाड़ी है….कागजों में तो यही है…….अब आप ही बताईये भल की इस खंडहर में क्या होता होगा….आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कई बार अपने अधिकारियों को बता चुकी है….लेकिन कोई सुनवाई नहीं । फिलहाल स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में ये आंगनवाड़ी लगाई जा रही है……ये तीनों तस्वीरें उस वक्त की जब मंत्री मायासिंह कलेक्ट्रेट में विभाग की समीक्षा कर रही थीं.
मंत्री जी से जब झाबुआ पोस्ट ने सवाल किया , कि आपको रियलटी से दूर रखा गया है, आपने वो ही देखा जो अधिकारी आपको दिखाना चाहते थे । मंत्री मायासिंह ने इस सवाल पर आंखे तरेरी, फिर कहा आप लोग सपोर्ट कीजिए, अच्छा काम करने वालों को ईनाम मिलेगा और लापरवाही बरतने वालों को सजा ।
मैडम हम कमियां बता ही नहीं रहे हैं आपको दिखा भी रहे हैं,लेकिन हकीकत से मुंह फेर कर सरकार दूर भागेगी तो फिर भला बताईये सुधार कहां से होगा, आपने जिस जिले का दौरा किया वहीं कि ये तीन तस्वीरें है,अब बताईये आप वो देखना चाहती जो लापरवाह अफसरशाही आपको दिखाना चाहती है,या आपको वो देखना चाहिए जो हकीकत है ।
Categories: झाबुआ, वीर के तीर
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