स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रूपए खर्च किए गए जाते हैं । मकसद होता है कि आम लोगों तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुंच सके । लेकिन वाकई में ऐसा हो पाता है क्या ? कम से कम झाबुआ के स्वास्थ्य विभाग की इस हरकत के बाद तो ऐसा नहीं लगता है । झाबुआ में प्रचार सामग्री आम लोगों के हाथ में पहुंचने की बजाय कचरे में पड़ी है । इतना ही नहीं इसे जलाने की कोशिश भी की गई लेकिन पानी बरसने के कारण अधजले ही ये पर्चे रह गए और ये सब हुआ झाबुआ सीएमएचओ ऑफिस परिसर में । उत्कृष्ट स्कूल मैदान के पास स्थित सीएमएचओ ऑफिस के पास बड़ी मात्रा में प्रचार सामग्री कचरे में पड़ी हुई है । जिनमें जिंक ओआरएस और पल्स पोलिया अभियान की प्रचार सामग्री है । इन तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभिन्न योजनाओं के लिए आने वाली और छपवाई जाने वाली सामग्री का क्या हश्र होता है ।
कचरे में स्वास्थ्य योजनाओं की प्रचार सामग्री !
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