झाबुआ। प्रदेशभर में पेट्रोल पंपों की जांच का सिलसिला जारी है। मंगलवार को झाबुआ शहर में प्रशासन और खाद्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में पेट्रोल पंपों की गहन जांच की गई। नेशनल पेट्रोलियम पर डीजल टैंक में पानी मिलने की पुष्टि के बाद प्रशासन ने दो डिलिवरी यूनिट और दो नोजल को सील कर दिया।
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जांच दल में झाबुआ तहसीलदार सुनील डावर, खाद्य अधिकारी संजय पाटिल, नापतौल विभाग के अधिकारी और पटवारी शामिल थे।

पंप कर्मचारियों का कहना है कि डीजल टैंक में ढाई हजार लीटर तक ईंधन रिजर्व रहता है और पानी नीचे जम जाता है, जिससे ग्राहकों तक नहीं पहुंचता। लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीर मानते हुए नोजल सील किए और कहा कि मामले की रिपोर्ट सेल्स में भेजी जाएगी। कंपनी से जवाब तलब होगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी!

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले रतलाम में एक बड़ी लापरवाही सामने आई थी, जहां डीजल में पानी की मिलावट के कारण एक सरकारी काफिले की 19 गाड़ियाँ बंद हो गई थीं। इस घटना के बाद प्रदेश के खाद्य मंत्री ने पूरे मध्यप्रदेश में पेट्रोल पंपों की जांच के आदेश दिए थे। उसी क्रम में झाबुआ में यह कार्रवाई हुई।
प्रशासन की इस सख्ती के बाद अन्य पेट्रोल पंप संचालकों में भी हड़कंप मचा हुआ है।