झाबुआ। प्रशासन की अनदेखी के कारण झाबुआ शहर के बाजारों में अतिक्रमण (encroachment) बढ़ रहा है। मुख्य बाजार, चौक-चौराहे आदि जगहों पर दुकानदारों ने दुकानों के सामने सड़क पर कई-कई फुट कब्जा किया हुआ है। इसके चलते नगर के मुख्य बाजार से अब तो पैदल भी निकलना भी दूभर होता जा रहा है।
नगर के प्रमुख मार्गों पर अवैध रूप से दिनों दिन बढ़ता कब्जा लोगों के लिए परेशानी सिरदर्द बनता जा रहा है। इसके बावूजद भी नगर पालिका प्रशासन इन पर कार्रवाई के नाम पर मौन है। जिससे अतिक्रण करने वालों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। नगर के व्यापारियों की हठधर्मिता व प्रशासन की लापरवाही के चलते नगर के बाजारों में अतिक्रमण से पूरी तरह से अपने पैर पसार लिए हैं।
दुकानदारों ने अपने ओटलों के सामने लकड़ी की बैंच लगाकर दुकान का सामान बाहर तक निकाल लिया है। इसके अलावा लोग दुकानों के सामने वाहन खड़े कर देते हैं तथा कुछ दुकानदारों ने तो सरकारी नाली को ही बंद कर दिया है। नगर का मुख्य बाजार वैसे ही बहुत तंग है, अवैध रूप से दुुकानों और गुमटियों-ठेलागाडि़यों के कारण बाजार में मार्ग की चौड़ाई 10 फिट से घटकर मात्र 4 से 5 फिट रह गई है।
अतिक्रमण मुहिम शुरू तो होती है, लेकिन फिर वहीं हाल हो जाता है ।

अवैध कब्जा हटाने के लिए प्रशासन पर दबाव पड़ता है तो कुछ समय के लिए अभियान चलाकर थोड़ा-बहुत अतिक्रमण हटा देते हैं, लेकिन टीम के जाते ही फिर से वही हाल हो जाता है। नगर के सभी चौक चौराहों तथा बाजारों के साथ नगर के सिध्देश्वर मंदिर से भगतसिंह मार्ग, बस स्टेण्ड से लेकर आाजाद चौक, राजवाड़ा से लेकर कालिका माता मंदिर तक, थांदला गेट से लेकर कांजी हाउस, रूनवाल गली, कस्तुरबा मार्गएवं आसपास के कई इलाकों पर तो अतिक्रमणकारियों का पूरा कब्जा है।
पुलिस प्रशासन दुकानदारों को चेतावनी देते रहते हैं। वहीं नगर पालिका प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने के लिए कई बार व्यापारियों से अपील की, लेकिन इसका असर नहीं दिखता है। इस मामले में नगर का व्यापारी संघ भी चुप्पी साधे हुए है
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