झाबुआ जिले के मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में ड्रग्स के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) द्वारा की गई इस कार्रवाई में 168 करोड़ रुपये मूल्य की 112 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई है। यह ड्रग्स 36 किलोग्राम पाउडर और 76 किलोग्राम लिक्विड फॉर्म में जब्त की गई है। इस बड़ी कार्रवाई ने जिले में हड़कंप मचा दिया है, जबकि स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी थी।
ड्रग्स की फैक्ट्री पर डीआरआई का छापा
यह छापा मेघनगर फार्माकेम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी पर डाला गया, जहां से यह ड्रग्स बरामद की गई। डीआरआई ने दशहरे के दिन रात के अंधेरे में फैक्ट्री पर छापा मारा, जो सुबह 4 बजे से लेकर रात 8 बजे तक चला। फैक्ट्री के मालिक सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है, और कंपनी के निदेशक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई में फैक्ट्री में मौजूद सभी सामग्री को जब्त कर लिया गया और सैंपल भी लिए गए हैं।
झाबुआ : मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में नारकोटिक्स और एनसीबी ने नहीं डीआरआई ने की कार्रवाई ।
यह उल्लेखनीय है कि नारकोटिक्स विभाग और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इस कार्रवाई में अपनी भागीदारी से इनकार किया है। डीआरआई ने स्वतंत्र रूप से यह ऑपरेशन चलाया और इसे गुप्त रखा गया, ताकि किसी भी तरह की जानकारी लीक न हो सके। स्थानीय पुलिस भी इस मामले से पूरी तरह अनजान थी, और इस मामले में उनसे कोई सूचना साझा नहीं की गई।
पहले भी हुई है बड़ी ड्रग्स जब्ती
यह पहली बार नहीं है कि मध्य प्रदेश में इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई हो। इससे पहले भोपाल में एक फैक्ट्री से 1800 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स जब्त की गई थी, जिसने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। अब झाबुआ में हुई इस बड़ी कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में ड्रग्स का रैकेट बड़े पैमाने पर सक्रिय है, और सुरक्षा एजेंसियां लगातार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं।
फैक्ट्री मालिक और अन्य संदिग्धों से पूछताछ
डीआरआई द्वारा हिरासत में लिए गए फैक्ट्री मालिक और अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस ड्रग्स रैकेट के अन्य सदस्यों और संभावित ठिकानों का पता लगाया जा सके। यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस रैकेट के तार अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों से जुड़े हो सकते हैं, क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स का निर्माण और वितरण बिना किसी बड़े नेटवर्क के संभव नहीं है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भनक तक नहीं ।
इस मामले में स्थानीय पुलिस की कोई भूमिका नहीं रही, क्योंकि डीआरआई ने गुप्त रूप से यह ऑपरेशन चलाया। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इस ऑपरेशन की कोई जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे यह स्पष्ट है कि कार्रवाई पूरी तरह से डीआरआई के नियंत्रण में रही। हालांकि, अब जब मामला खुलकर सामने आ गया है, स्थानीय पुलिस को भी सतर्क रहने की आवश्यकता होगी, ताकि इस तरह की घटनाएं फिर से न हों।
मध्य प्रदेश में लगातार हो रही ड्रग्स तस्करी की घटनाओं ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। डीआरआई, एनसीबी, और अन्य एजेंसियां अब राज्य में ड्रग्स रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं। झाबुआ में हुई इस बड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि प्रशासन किसी भी कीमत पर ड्रग्स माफियाओं को बख्शने के मूड में नहीं है।
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