झाबुआ | दक्षिण कोरिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. इन सांग किम झाबुआ में नैनो बायो टेक्नोलॉजी आधारित उपचार और निवारण कार्यशाला में भाग लेने आ रहे हैं। वे 3 और 4 अप्रैल को झाबुआ में उपस्थित रहेंगे और स्वास्थ्य व प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अपने नवीन शोधों को साझा करेंगे।
यह कार्यशाला झाबुआ के सिद्धेश्वर कॉलोनी में आयोजित की जाएगी, जिसमें हर्बल फार इन्फ्रारेड टेक्नोलॉजी और नैनो बायो सिल्वर टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्राकृतिक उपचार की विधियों पर चर्चा होगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों को नई स्वास्थ्य तकनीकों से अवगत कराना है।
नेचुरोपैथी केंद्र विकसित करने पर रहेगा फोकस
इस दौरे के दौरान डॉ. किम स्थानीय स्तर पर नेचुरोपैथी केंद्र विकसित करने की योजना पर भी काम करेंगे। यह केंद्र ग्राम्य क्षेत्रों में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक वैज्ञानिक शोध से जोड़ने का कार्य करेगा। इस पहल से स्थानीय ग्रामीणों को प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

डॉ. इन सांग किम का वैश्विक योगदान
डॉ. किम न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान में अग्रणी हैं, बल्कि उन्हें सियोल अंतर्राष्ट्रीय आविष्कार मेले में 12 स्वर्ण और 15 रजत पदक भी मिल चुके हैं। उनके पास 45 से अधिक पेटेंट हैं और वे दुनिया भर में नैनो बायो क्वांटम टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्वास्थ्य, कृषि, सौंदर्य, ऑटोमोबाइल और फैब्रिक जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
झाबुआ में स्वास्थ्य जागरूकता को मिलेगा बढ़ावा
इस कार्यशाला से झाबुआ के लोगों को आधुनिक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी मिलेगी और वे नैनो बायो टेक्नोलॉजी आधारित उपचार पद्धतियों को समझ पाएंगे। यह झाबुआ के लिए एक अनूठी पहल होगी, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ेगी।