झाबुआ के शासकीय आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में “विश्व पर्यावरण दिवस” अवसर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई विश्व पर्यावरण एवं जल संरक्षण पखवाड़ा मनाया गया । कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रविंद्र सिंह ,स्टाफ और विद्यार्थियों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला ।
प्राचार्य डॉ. रविन्द्र सिंह ने बताया गया कि जल संरक्षण हमारे जीवन के लिए क्यों अति आवश्यक है, उन्होंने प्लास्टिक मुक्त परिसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभाव कई वर्षों तक रहते हैं । जिस कारण मानव जीवन ही नहीं ,अन्य जीव-जंतु , पशु-पक्षी भी उसके दुष्परिणामों को भुगतते हैं । इस अवसर पर विद्यार्थियों से पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा का संकल्प भी लिया गया।
वनस्पति शास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ धर्मेंद्र सिंह के द्वारा जल संरक्षण, ऊर्जा की बचत , ग्रीन केंपस , जलवायु नियंत्रण आदि के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में बताया गया। डॉ यशवंत पवार के द्वारा पर्यावरण के संरक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब तक हम पर्यावरण को शुद्ध नहीं बनाते तब तक मानवी जीवन सफल नहीं हो सकता, वर्तमान में हम जो भी आपदाएं झेल रहे हैं ।
पॉलिथीन के दुष्प्रभाव से बढ़ रही पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं ।
उसका एकमात्र कारण हमारा ध्यान पर्यावरण पर केंद्रित न होकर स्वयं के विकास पर केंद्रित है जिसके लिए हमने पर्यावरण से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है। हमें पर्यावरण की उपयोगिता को समझने हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा और प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि वृक्षारोपण आज के युग में कितना आवश्यक है।
प्रो. संजय खांडेकर ने पर्यावरण के महत्व एवं ग्रीन केंपस की उपयोगिता के महत्व को समझाया । डॉ राज सिंह चंदेलकर ने ऊर्जा की बचत कैसे करें और उनसे भविष्य में होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की ! उक्त जानकारी राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर मुकेश बघेल के द्वारा दी गई।
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