12 वां फेल विपरीत परिस्थितियों और कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता की मिसाल बनने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा (आईजी, महाराष्ट्र कैडर) ने आज मुख्यमंत्री मोहन यादव से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर उनके साथ उनकी धर्मपत्नी श्रद्धा शर्मा, जो महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम की प्रबंध निदेशक हैं, भी उपस्थित थीं।
प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी
मनोज शर्मा का जीवन संघर्ष हर युवा के लिए प्रेरणा है। मुरैना (मध्यप्रदेश) के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनोज शर्मा ने 12वीं कक्षा में फेल होने के बावजूद अपने संकल्प और मेहनत से आईपीएस अधिकारी बनने तक का सफर तय किया। उनका जीवन दिखाता है कि परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, दृढ़ निश्चय से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
’12वीं फेल’ फिल्म से मिला व्यापक सम्मान
मनोज शर्मा के जीवन संघर्ष पर उनके एक मित्र ने किताब लिखी थी, जिस पर ’12वीं फेल’ नामक फिल्म बनी। फिल्म में उनका किरदार अभिनेता विक्रांत मैसी ने निभाया, जिसे दर्शकों और समीक्षकों ने खूब सराहा। यह फिल्म न केवल उनकी सफलता की कहानी बयां करती है, बल्कि युवाओं को यह संदेश देती है कि असफलता अंत नहीं है।
सीएम ने किया सम्मानित
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा,
“मनोज शर्मा ने न केवल मुरैना बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का नाम रौशन किया है। उनकी दृढ़ता और मेहनत सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है।”
श्रद्धा शर्मा ने भी अपने योगदान से प्रशासन और पर्यटन के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। दोनों पति-पत्नी की सफलता एक आदर्श उदाहरण है कि मेहनत और समर्पण से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
मनोज शर्मा का यह सफर दिखाता है कि असफलताएँ केवल एक पड़ाव होती हैं, जो आपको अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहा है।

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