ग्राम/नगर सुरक्षा समिति सम्मेलन । पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल की पहल पर झाबुआ जिले के विभिन्न स्थानों पर ग्राम/नगर सुरक्षा समिति सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस चौकी सारंगी थाना पेटलावद क्षेत्र में भी आज ग्राम/नगर सुरक्षा समिति का सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस सम्मेलन का उद्देश्य सामुदायिक पुलिसिंग को और भी मजबूत करना और स्थानीय निवासियों को पुलिस के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक महोदय ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए आसपास हो रही अवैध गतिविधियों की जानकारी तत्काल पुलिस को देने की अपील की।

ग्राम/नगर सुरक्षा समिति सम्मेलन की मुख्य बातें:
सामुदायिक सुरक्षा और शिक्षा पर जोर:
पुलिस अधीक्षक ने सामुदायिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नागरिकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को कम से कम 12वीं कक्षा तक अवश्य पढ़ाएं। साथ ही, कम उम्र में बच्चों की शादी करने और उन्हें मजदूरी के लिए बाहर भेजने से बचने की सलाह दी गई। उन्होंने बेटियों की शादी 18 वर्ष से पहले न करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
भांजगड़ी प्रथा और साइबर अपराधों पर जागरूकता:
कार्यक्रम में भांजगड़ी प्रथा के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई, जिसमें इसे त्यागने की सलाह दी गई। इसके साथ ही, बढ़ते साइबर अपराधों पर जागरूकता फैलाते हुए नागरिकों को इंटरनेट और मोबाइल का सुरक्षित उपयोग करने की जानकारी दी गई। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ एटीएम पासवर्ड, पिन, ओटीपी जैसी गोपनीय जानकारी साझा न करें और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचें।
ग्राम/नगर सुरक्षा समिति की भागीदारी:
ग्राम/नगर सुरक्षा समिति में शामिल होने के लिए इच्छुक नागरिकों को अपने थाना प्रभारी से संपर्क करने के लिए प्रेरित किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि समिति का सदस्य बनने के लिए 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। इन सदस्यों को गांवों की असमानताओं को दूर करने, नशा मुक्ति, महिला अत्याचार, और अन्य अपराधों की जानकारी पुलिस को देने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
महिला सुरक्षा और साइबर अपराध पर “रक्षा सखी” की जागरूकता:
सम्मेलन में “रक्षा सखी” द्वारा महिला सुरक्षा के उपायों और साइबर अपराधों से बचने के तरीके भी बताए गए। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए उन्हें आत्मरक्षा और कानूनी सहायता के तरीकों की जानकारी दी गई।
आध्यात्मिक और सामाजिक पुनरुत्थान:
कार्यक्रम के दौरान आध्यात्मिक पुनरुत्थान के लिए भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया। इसके साथ ही, ग्राम/नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों को लाठी, टोपी, और व्हिसल जैसी सामग्रियों का वितरण किया गया, ताकि वे अपने कर्तव्यों को और बेहतर तरीके से निभा सकें।
मुख्य अतिथि और वक्ताओं की उपस्थिति:
सम्मेलन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रेमलाल कुर्वे, एसडीओपी पेटलावद श्री सौरभ तोमर, रक्षित निरीक्षक श्री अखिलेश राय, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक शर्मिला चौहान, और अन्य कई पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने नागरिकों से समाज में फैली कुरीतियों, जैसे दहेज प्रथा और नशाखोरी को छोड़ने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
इस सम्मेलन ने न केवल सुरक्षा समिति के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि नागरिकों को पुलिस के साथ मिलकर अपने समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित भी किया। जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी के साथ, झाबुआ पुलिस ने एक सकारात्मक पहल की शुरुआत की है, जो आने वाले समय में और भी बेहतर परिणाम देगी।
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