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रेल टिकट रिजर्वेशन में 1 नंवबर 2024 से करने जा रहा बदलाव, जानिए क्या है नए नियम ।

रेल टिकट रिजर्वेशन में बदलाव

भारतीय रेलवे ने अग्रिम आरक्षण अवधि (Advance Reservation Period – ARP) को घटाकर 120 दिनों से 60 दिन कर दिया है, जो 1 नवंबर 2024 से लागू होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य टिकट जमाखोरी को कम करना और वास्तविक यात्रियों के लिए टिकट उपलब्धता में सुधार करना है। यह निर्णय रेल मंत्रालय द्वारा किया गया है ताकि ट्रेन यात्रा की वास्तविक मांग को बेहतर ढंग से समझा जा सके और योजना बनाई जा सके।

रेल टिकट रिजर्वेशन में एआरपी बदलाव क्यों ।

रेल मंत्रालय के अनुसार, 61 से 120 दिनों की आरक्षण अवधि के दौरान किए गए लगभग 21% टिकटों को रद्द किया जा रहा था, और 5% यात्री न तो अपनी टिकट रद्द कर रहे थे और न ही यात्रा कर रहे थे। यह रेलवे के लिए टिकट उपलब्धता की समस्या पैदा कर रहा था, जिससे वास्तविक यात्रियों को परेशानी हो रही थी। टिकट रद्द न करने और नो-शो (यात्रा न करना) की घटनाओं से सीटें बेकार जा रही थीं, जो वास्तविक यात्रियों के लिए नुकसानदेह साबित हो रही थीं।

रेलवे की नई नीति के प्रमुख उद्देश्य:

  1. वास्तविक यात्रियों के लिए टिकट की उपलब्धता में सुधार: इस बदलाव से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वही लोग टिकट बुक करें जो यात्रा करने के इच्छुक हों।
  2. टिकट रद्दीकरण और नो-शो की घटनाओं में कमी: यात्रियों को अब 60 दिन की समय-सीमा के भीतर अपने यात्रा की योजना बनानी होगी, जिससे अनिश्चितताओं और अनावश्यक रद्दीकरण की दर में कमी आएगी।
  3. टिकट जमाखोरी और बुकिंग में हेराफेरी पर नियंत्रण: इससे टिकट दलालों और जमाखोरी की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी, जिससे वास्तविक यात्रियों के लिए ज्यादा टिकट उपलब्ध हो सकेंगे।
  4. रेलवे की बेहतर योजना: भारतीय रेलवे इस बदलाव के माध्यम से विशेष ट्रेनों की बेहतर योजना बना सकेगा, खासकर पीक सीजन के दौरान।

पुराने नियम और नई नीति

रेल टिकट रिजर्वेशन

रेलवे बोर्ड के अनुसार, 31 अक्टूबर 2024 से पहले किए गए 120-दिवसीय एआरपी के तहत बुक किए गए सभी टिकट मान्य रहेंगे, और यात्रियों के पास इन्हें रद्द करने का विकल्प रहेगा। लेकिन 1 नवंबर 2024 के बाद से 60-दिवसीय नई समय-सीमा लागू होगी, जो यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं को और सटीकता से तय करने में मदद करेगी।

यह ध्यान देने योग्य है कि ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस जैसी कुछ दिन-भर की ट्रेनें अब भी कम समय-सीमा वाले अग्रिम आरक्षण का पालन करेंगी। वहीं, विदेशी पर्यटकों के लिए 365-दिवसीय एआरपी समय-सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

यात्रा के लिए बेहतर योजना:

इस नए बदलाव के बाद यात्रियों को यात्रा से लगभग दो महीने पहले अपनी योजना सुनिश्चित करनी होगी। यह समय-सीमा न केवल यात्रियों के लिए सुविधा प्रदान करेगी बल्कि रेलवे को बेहतर आंकड़े और योजना बनाने में मदद करेगी, ताकि विशेष ट्रेनें और संसाधन पीक सीजन में प्रभावी रूप से इस्तेमाल किए जा सकें।

एआरपी में पिछली बार बदलाव कब हुआ?

गौरतलब है कि 1 जनवरी 2015 से पहले भी एआरपी 60 दिन ही था, जिसे बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया था। इस बार एक बार फिर रेलवे ने यात्रियों की मांग और आरक्षण ट्रेंड्स के आधार पर इसे घटाकर 60 दिन करने का निर्णय लिया है।

यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सूचना:

रेलवे यात्रियों को इस बदलाव के प्रति जागरूक कर रहा है और उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा योजनाओं को ध्यान में रखते हुए नई आरक्षण अवधि के अनुसार बुकिंग करें। भारतीय रेलवे का यह कदम निश्चित रूप से वास्तविक यात्रियों के हित में उठाया गया है, ताकि उन्हें टिकट बुकिंग के समय अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े।

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