बैतूल जिले में गाँव की बेटी योजना के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रारंभिक जांच में 95 फर्जी खातों का पता चला है, जिनमें करीब 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार रुपये की राशि जमा की गई।
जांच की प्रगति और प्रक्रिया
- जांच दल: मामले की जांच जिला कोषालय अधिकारी सहित पांच सदस्यीय दल कर रहा है।
- समय सीमा: जांच टीम के अनुसार, मामले की जांच अगले एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी।
- रिपोर्ट सौंपने की प्रक्रिया: जांच रिपोर्ट नर्मदापुरम संभागायुक्त को सौंपी जाएगी।
- अन्य प्रक्रियाएं: सीलबंद कमरों का अवलोकन और फर्जी खातों से जुड़े दस्तावेजों की जांच अभी शेष है।
बैतूल फर्जी खातों का मामला
गाँव की बेटी योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के बजाय फर्जी खातों में राशि स्थानांतरित की गई। यह फर्जीवाड़ा योजना के उद्देश्यों और लाभार्थियों को सीधे प्रभावित कर रहा है।
अधिकारियों का बयान
- जांच दल के अधिकारियों का कहना है कि मामले में दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- संभागायुक्त को सौंपे जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर आगे की प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
क्या है गाँव की बेटी योजना ?
यह योजना राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जाती है। योजना का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से बेटियों का सशक्तिकरण है।
अगला कदम
प्रारंभिक जांच में जो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, उससे योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद फर्जी खातों में संलिप्त अधिकारियों और लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
