झाबुआ। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत कार्यरत करीब 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ बड़ा कदम उठाने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने कहा है कि यदि 1 अप्रैल 2025 से लागू नई संविदा नीति में संशोधन नहीं किया गया, तो वे 22 अप्रैल से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
झाबुआ में बुधवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र होकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम भास्कर गाचले को सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों से सेवाएं देने के बावजूद सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है।

क्या हैं प्रमुख मांगें?
संघ ने ज्ञापन में जिन मुख्य मांगों को रखा है, वे इस प्रकार हैं:
- विभागीय रिक्त पदों में से कम से कम 50% पदों पर संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
- अर्जित अवकाश (ई.एल.) और मेडिकल अवकाश की पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए।
- अनुबंध (संविदा) प्रणाली को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
- अप्रेजल प्रणाली को खत्म किया जाए।
- सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से घटाकर 62 करना अनुचित है, इसे वापस लिया जाए।
- एनपीएस, ग्रेच्युटी, डीए और स्वास्थ्य बीमा की सुविधाएं लागू की जाएं।
- वेतन विसंगतियों को दूर कर समकक्ष वेतन सुनिश्चित किया जाए।
- पूर्व में निष्कासित सपोर्ट स्टाफ और मलेरिया एमपीडब्ल्यू की बहाली की जाए।

संघ ने सरकार से यह भी मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 4 जुलाई 2023 को भोपाल में आयोजित संविदा महापंचायत में की गई घोषणाओं को शीघ्र लागू किया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि शिवराज सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के हित में बनाई गई नीति को लागू करने की बजाय 1 अप्रैल 2025 से जो नई संविदा नीति लागू की गई है, वह उनके हितों के खिलाफ है और उसमें संशोधन होना चाहिए।
संविधान स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने साफ कहा है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे मजबूर होकर आंदोलन की राह अपनाएंगे और 22 अप्रैल से प्रदेशभर में हड़ताल की जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।