Ajab -gajab फर्जी अधिकारी बनने की कई कहानियां सुनने को मिलती हैं, लेकिन भिंड जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवा नेता ने फर्जी तरीके से खुद को कैबिनेट मंत्री घोषित कर दिया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब शहर में लगाए गए शुभकामना बैनर और होर्डिंग्स पर लोगों ने आपत्ति जताई और आदेश पत्र पर संदेह व्यक्त किया गया।
AJAB-GAJAB मंत्री जी का ऐसे हुआ खुलासा ।
मनोज सिंह नाम के युवा नेता ने अपने रुतबे को बढ़ाने के लिए खुद को “मध्य प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम” में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बताया। वायरल हुए आदेश पत्र में एमपी के सभी कलेक्टरों को सूचित करने का उल्लेख किया गया था, लेकिन भिंड के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव इस आदेश से पूरी तरह अनजान थे।
फर्जी आदेश पत्र वायरल:
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस फर्जी आदेश पत्र को सामान्य प्रशासन विभाग के आईएएस अधिकारी शैलवाला मार्टिन के नाम से जारी किया गया दिखाया गया है। इसमें युवा नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है।
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए हैं और इस फर्जी कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त करने वाले युवक के ही एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे । जिसेक बाद भिंड़ के गोहद थाने में मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है, पुलिस फर्जी कैबिनेट मंत्री की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी हैं । फिलहाल वो पुलिस गिरफ्त से बाहर है ।
युवक मनोज सिंह का कहना था कि फर्जी कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले युवक का दावा है कि बल्लभ भवन में बैठे सचिव लोकेश शर्मा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाने की बात कही थी और वही आदेश पत्र भेजा था।
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