झाबुआ, 2 अगस्त।
‘लोकल फॉर वोकल’ की सोच को ज़मीन पर उतारने की दिशा में झाबुआ जिले में आकांक्षा हाट बाजार की शुरुआत की गई है। इस दो दिवसीय हाट का शुभारंभ मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने किया। आयोजन का उद्देश्य स्थानीय शिल्पकारों, महिलाओं और स्व-सहायता समूहों को एक साझा मंच देना है, जहाँ वे अपने हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय कर सकें।

स्थानीय आजीविका भवन परिसर में लगे इस हाट बाजार में जिले के अलग-अलग हिस्सों से आए स्व-सहायता समूहों की महिलाएं शामिल हुईं। इन्होंने अपने हाथों से बनाए गए हस्तशिल्प जैसे माला, पर्स, तीर-कमान, बैग, कपड़े, सजावटी सामान, बांस और लकड़ी की वस्तुएं प्रदर्शित कीं। कई वस्तुएं आदिवासी परंपराओं और लोक कला की झलक भी प्रस्तुत कर रही हैं।

मंत्री निर्मला भूरिया ने स्टॉल का निरीक्षण करते हुए महिलाओं की मेहनत और हुनर की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह हाट न सिर्फ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देगा, बल्कि महिला स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।”

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में निर्मित पारंपरिक वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराया जाए, जिससे इनसे जुड़ी आजीविका मजबूत हो।
हाट बाजार दो दिन तक चलेगा, जिसमें आम लोग इन वस्तुओं को खरीद सकेंगे और शिल्पकारों को सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में झाबुआ कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, विभिन्न विभागों के अधिकारी , आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं और बड़ी संख्या में ग्रामीण नागरिक उपस्थित रहे।
आकांक्षा हाट बाजार एक ऐसा प्रयास है, जो स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।