सतना/चित्रकूट | 12 जुलाई 2025
सतना जिले की धार्मिक नगरी चित्रकूट इस समय गंभीर बाढ़ की चपेट में है। बीते 24 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। 2003 के बाद पहली बार ऐसा दृश्य सामने आया है जब पूरा क्षेत्र बाढ़ जैसी आपदा से जूझ रहा है।
मन्दाकिनी का जलस्तर बढ़ा, घाट डूबे
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 9 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते मन्दाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। रामघाट, भरतघाट सहित सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो चुके हैं। घाटों के आसपास की सैकड़ों दुकानें पानी में डूब गईं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

सड़कों पर नावें, निचली बस्तियों से रेस्क्यू
चित्रकूट की सड़कों पर अब वाहन नहीं, बल्कि नावें चल रही हैं। निचली बस्तियों में फंसे लोगों को नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पुरानी लंका तिराहा के पास हालात बेहद गंभीर हैं। नगर परिषद द्वारा लगातार एलान कर लोगों को निचले स्थान खाली करने की अपील की जा रही है।

2003 की बाढ़ की यादें ताजा
स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसा दृश्य 2003 की विनाशकारी बाढ़ के बाद पहली बार देखा गया है। लगातार बारिश और नदी-नालों के उफान के कारण दहशत का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी के किनारे न जाने की सलाह दी है।
प्रशासन की सक्रियता
प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी हैं। नगर परिषद, आपदा प्रबंधन दल, पुलिस और प्रशासनिक अमला लगातार क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं। हालांकि बारिश की तीव्रता में कमी नहीं आ रही, जिससे हालात सुधरने के संकेत फिलहाल नहीं दिख रहा है ।