झाबुआ (मध्यप्रदेश)। झाबुआ जिले में अवैध मांस परिवहन का एक गंभीर मामला सामने आया है। शुक्रवार सुबह बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ताओं ने एक ऑटो को पीछा करके पकड़ा, जिसमें मांस ले जाया जा रहा था। आशंका के आधार पर ऑटो को झाबुआ कोतवाली थाने पर लाया गया, जहां से मांस को जांच के लिए पशु चिकित्सालय भेजा गया।
प्राथमिक जांच में वेटनरी डॉक्टरों ने मांस को भैंस का बताया, लेकिन पुष्टि के लिए सेम्पल लेकर लैब में भेज दिए गए हैं। फाइनल रिपोर्ट आने में कुछ समय लगेगा।
गांव में किया जाता वध, शहर में होती बिक्री
ऑटो चालक इमरान ने पूछताछ में बताया कि मांस को लालू डूंगरा गांव से लाया गया था, जहां एक निजी घर में भैंस का वध किया गया। यह मांस झाबुआ शहर की 4–5 दुकानों पर भेजा जाना था। उसने बताया कि रोजाना दो ऑटो और एक पिकअप वाहन इसी तरह मांस लेकर शहर आते हैं।
गांवों में गुपचुप तरीके से पशु काटे जाते हैं और फिर उन्हें झाबुआ जैसे कस्बों में बेचा जाता है। सवाल यह उठता है कि पुलिस और प्रशासन की नजर से यह कैसे बच निकलता है?

क्या है मध्यप्रदेश में मांस वध और विक्रय के नियम?
मध्य प्रदेश में गाय, बैल, सांड, बछड़ा जैसे गौवंशीय पशुओं का वध पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इनके मांस की बिक्री, परिवहन या संग्रह अपराध है, जिसमें 3–7 साल की जेल और ₹50,000 से ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
भैंस के वध की अनुमति है, लेकिन:
- पंजीकृत स्लॉटर हाउस में ही वध किया जा सकता है।
- वध से पहले पशु का फिटनेस प्रमाणपत्र (Health Certificate) लेना जरूरी है।
- मांस विक्रय के लिए लाइसेंस प्राप्त दुकान और साफ-सुथरे भंडारण/परिवहन की व्यवस्था जरूरी है।
- खुले में या सड़क किनारे मांस बेचना नियमों का उल्लंघन है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी जारी है अवैध व्यापार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों के बावजूद जिले में खुले में मांस विक्रय हो रहा है। खुले में मांस बेचा जा रहा है, बिना लाइसेंस वध किया जा रहा है और गांवों में पशु काटकर शहरों में बेचा जा रहा है। लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई ना होना सवाल खड़े करता है, ताजे मामले में भी गौर रक्षा समिति के कार्यकरताओं ने ऑटो पकड़ कर पुलिस को सौंपा ।


बजरंग दल – विहिप ने प्रशासन से की कड़ी कार्रवाई की मांग
गौ-रक्षा समिति के बाथुसिंह ने बताया कि “यह मामला धार्मिक भावना और कानून व्यवस्था दोनों से जुड़ा है। यदि प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए तो हम आंदोलन करेंगे। रोजाना ऐसे वाहन शहर में आ रहे हैं, पुलिस क्या कर रही है?” गुरूवार को भी विजय स्तंभ से 11 गौ -वंश से भरा वाहन पकड़कर पुलिस को सौंपा गया था, आज मांस का अवैध परिवहन करते ऑटो पकड़ा, इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इन पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए । अभी पुलिस ने ऑटो चाल को हिरासत में लिया है, लेकिन जिनके यहां ये मांस जा रहा था, उन दुकानदारों पर भी कार्रवाई होना चाहिए ।
क्या हो पाएगी कोई ठोस कार्रवाई ।
फिलहाल पशु चिकित्सालय में पकड़े गए मांस के सैंपल लेकर आए लैब में जांच के लिए भेजने की बात सामने आ रही है, पकड़े गए मांस को पुलिस के सुपूर्द किया , कोतवाली पुलिस मांस को जेसीबी से गड्डा करवाकर जमीन दफन करवा रही है और मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है । अब यह देखना होगा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन क्या कदम उठाता है। क्या ऐसे मामलों पर सिर्फ कागजी कार्रवाई होती रहेगी, या वास्तव में गांव से शहर तक चल रहे इस अवैध मांस व्यापार पर लगाम लगेगी? साथ खुले में मांस विक्रय हो रहा उस ढिलाई क्यों बरती जा रही है, ये सवाल भी उठ रहे हैं । पूरे मामले में पुलिस जांच के बाद ही तमाम परते खुलेंगी की आखिर गांव में कट रहे बड़े पशुओं के पीछे क्या आधार है ।