झाबुआ जिले के झाबुआ-थांदला मार्ग पर 3 जून की रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हो गया। सजेली रेलवे फाटक के पास निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज (ROB) पर एक यात्री वैन को तेज रफ्तार सीमेंट मिक्सर ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। हादसे में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी मृतक दो परिवारों से थे, जो एक शादी समारोह से लौट रहे थे।

हादसा रात करीब 12:30 बजे का है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक थांदला की ओर से तेज रफ्तार में आ रहा था। ओवरब्रिज निर्माण स्थल के पास पहुंचते ही ट्रक ने सामने से आ रही वैन को टक्कर मार दी और उसे घसीटते हुए दूर तक ले गया। इसके बाद ट्रक एक मकान से टकराकर पलट गया और वैन उसके नीचे दब गई।

मौके पर राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही थांदला और मेघनगर पुलिस मौके पर पहुंची। जेसीबी की मदद से ट्रक को हटाया गया और वैन के पिछले हिस्से को काटकर शवों और घायलों को बाहर निकाला गया। घायलों को थांदला और मेघनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मृतकों में शामिल हैं:
मुकेश खपेड़ (40 वर्ष), शिवगढ़
शवलीबाई पति मुकेश खपेड़ (35 वर्ष)
विनोद पिता मुकेश खपेड़ (16 वर्ष)
पायल पिता मुकेश खपेड़ (12 वर्ष)
मड़ीबाई पति मारू बामनिया (38 वर्ष)
विजय पिता मारू बामनिया (14 वर्ष)
कांता पिता मारू बामनिया (14 वर्ष)
रागिनी पिता रामचंद्र बामनिया (9 वर्ष)
अकलीबाई पति सोमला परमार (35 वर्ष), देवगढ़
घायल:
पायल पिता सोमला परमार (19 वर्ष), देवगढ़
आशु पिता रामचंद्र बामनिया (9 वर्ष), शिवगढ़ महुड़ी
हंगामा और समझाइश
घटना के बाद थांदला अस्पताल में परिजन मुआवजे की मांग को लेकर आक्रोशित हो गए। शवों का पोस्टमार्टम रोक दिया गया। मौके पर पहुंचे एसडीएम तरुण जैन ने परिजनों को समझाइश देकर पोस्टमार्टम के लिए राजी किया। इसके बाद शवों को गांव भेजा गया।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया शोक, आर्थिक मदद की घोषणा
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस दुर्घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। यह सहायता राशि ऑनलाइन माध्यम से पीड़ित परिवारों तक पहुंचाई जाएगी।

हादसे की दो मुख्य वजहें सामने आईं:
1. तेज रफ्तार ट्रक – ट्रक अंधाधुंध गति से चलाया जा रहा था, जिससे चालक समय रहते वाहन नहीं रोक पाया।
2. ROB निर्माण में भारी लापरवाही –
डायवर्शन रोड कच्चा और फिसलनभरा है।
बारिश के बाद वहां कीचड़ जैसी स्थिति हो जाती है।
रात में घना अंधेरा रहता है, कोई लाइट या चेतावनी संकेतक नहीं लगाए गए हैं।
निर्माण स्थल पर न तो बैरिकेडिंग है और न ही कोई साइन बोर्ड।

सवाल उठते हैं:
क्या ROB निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्रवाई होगी?
क्या जिला प्रशासन ने इस निर्माण स्थल का निरीक्षण किया था?
क्या ऐसे हादसों के लिए सिर्फ वाहन चालक जिम्मेदार है या अधूरी और असुरक्षित व्यवस्था भी?

क्या इंतजाम जरूरी हैं?
निर्माण स्थल पर चमकदार चेतावनी बोर्ड
रात में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था
पक्की और सुरक्षित डायवर्शन रोड
स्पीड ब्रेकर और बैरिकेड्स
निर्माण एजेंसी की जवाबदेही तय हो
हादसे के शिकार परिवारों को त्वरित आर्थिक सहायता
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यह हादसा न केवल एक दर्दनाक दुर्घटना है, ठेकेदार की गैरजिम्मेदार कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।