खंडवा जिले में इस साल होने वाले गरबा रास महोत्सव में कड़े नियम लागू किए गए हैं। आयोजकों और हिंदू संगठनों के बीच चर्चा के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें ड्रेस कोड, एंट्री नियम, और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। नवरात्रि का पर्व मां की भक्ति -आराधना का पर्व है । पर्व बड़ी संख्या में लोग गरबा करने पहुंचते हैं । 9 दिनों तक चलने वाले आयोजन में मां की भक्ति में हर कोई डूबा हुआ नजर आता है । इस बार नवरात्रि महोत्सव 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है । घट स्थापना के बाद 9 दिनों तक मां की आराधना में लोग डूबे हुए नज़र आएंगे ।
खंडवा गरबा रास में बैकलेस ड्रेस पर रोक, भारतीय परिधान ही होंगे मान्य ।
इस बार गरबा रास में प्रवेश के लिए बैकलेस या पश्चिमी परिधानों की अनुमति नहीं होगी। केवल भारतीय पारंपरिक वस्त्र पहनने पर ही एंट्री मिलेगी। आयोजकों का मानना है कि इस नियम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और गरिमा को बनाए रखना है। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य होगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी अशोभनीय परिधान पंडाल में न दिखे।

आईडी और आधार कार्ड से होगी एंट्री
गरबा पंडाल में प्रवेश के लिए सभी को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। इसमें आईडी कार्ड, आधार कार्ड जैसी मान्य पहचान पत्र शामिल होंगे। इसका उद्देश्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और गरबा में केवल स्थानीय और पहचान वाले लोगों को ही प्रवेश देना है। आयोजकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि गैर-हिंदू और विधर्मी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से रोक रहेगी ।
गैर-हिंदू व्यक्तियों को नहीं मिलेगा कोई जिम्मेदारी
आयोजकों ने यह निर्णय लिया है कि गरबा पंडाल में किसी भी गैर-हिंदू व्यक्ति को किसी भी तरह की व्यवस्थागत जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी। इससे संबंधित कार्य केवल हिंदू समुदाय के लोग ही संभालेंगे। आयोजकों का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक आयोजनों की पवित्रता और समुदाय की सुरक्षा बनाए रखना है।
तिलक लगाकर मिलेगा प्रवेश
गरबा पंडाल में प्रवेश के समय तिलक अनिवार्य होगा। यह धार्मिक आयोजन में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना गया है, और सभी को तिलक लगाकर ही प्रवेश दिया जाएगा। इससे कार्यक्रम की सांस्कृतिक पहचान को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।
परिवार के साथ ही मिलेगा प्रवेश, सिंगल पुरुषों पर प्रतिबंध
इस साल के गरबा महोत्सव में एक और बड़ा बदलाव किया गया है—सिंगल पुरुषों को पंडाल में प्रवेश नहीं मिलेगा। केवल परिवार के साथ आने वालों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इसका उद्देश्य आयोजन में महिलाओं की सुरक्षा और माहौल को पारिवारिक बनाए रखना है।
महिलाओं के लिए ‘पिंक डे’ और ‘केसरिया डे’
गरबा महोत्सव में इस बार विशेष दिनों की भी योजना बनाई गई है। महिलाओं के सम्मान में ‘पिंक डे’ मनाया जाएगा, जिसमें सभी महिलाएं गुलाबी रंग के परिधान पहनेंगी। इसके साथ ही ‘केसरिया डे’ और देशभक्ति आधारित प्रस्तुति भी महोत्सव का हिस्सा होगी। इन विशेष दिनों का उद्देश्य आयोजन को और अधिक रंगीन और सांस्कृतिक बनाना है।
सुरक्षा और संस्कृति की प्राथमिकता
आयोजकों और हिंदू संगठनों के अनुसार, ये कड़े नियम इस साल के गरबा महोत्सव को सुरक्षित और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाने के लिए लागू किए गए हैं। आयोजन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनुचित गतिविधियों से बचने के लिए पुलिस और स्वयंसेवकों की टीम भी तैनात रहेगी।
इस तरह, खंडवा में इस बार का गरबा रास महोत्सव एक पारिवारिक और सुरक्षित माहौल में भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करेगा। संस्था की पहल को सराहना भी मिल रही है ।
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