करवड़ में प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी भगोरिया मेला बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। मेले में आदिवासी समाज के लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य कर उत्सव की शोभा बढ़ाई। बड़ी संख्या में युवा मेले में शामिल हुए और पारंपरिक संस्कृति का आनंद लिया।
संस्कृति विभाग की टीम ने दी शानदार प्रस्तुति
मेले में संस्कृति विभाग की टीम ने पारंपरिक गेर नृत्य प्रस्तुत किया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों ने ढोल-मांदल की थाप पर जमकर नृत्य किया। इनकी गेर यात्रा पंचायत परिसर से शुरू होकर नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस पंचायत परिसर पहुंची।
इसके अलावा एक और सामाजिक गेर यात्रा निकाली गई, जिसमें जयेश और आदिवासी परिवार के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। यह गेर खेल मैदान से प्रारंभ होकर चांदनी चौक, मेन बाजार होते हुए खेल मैदान में संपन्न हुई।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग
गेर यात्रा में आदिवासी परिवार के सदस्य सचिन गामड़, दशरथ बारिया, बालू सिंह गामड़, शेखर कटारा, शैतान वसुनिया, कुशल गामड़, वासु मोरी आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।
पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद
भगोरिया मेले के दौरान करवड़ पुलिस चौकी प्रभारी प्रहलाद सिंह चुंडावत अपने दल-बल के साथ पूरे दिन मौजूद रहे और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संभाला।

संस्कृति और परंपरा का अनूठा संगम
करवड़ का भगोरिया मेला सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन है। इस दौरान हर ओर हंसी-खुशी का माहौल बना रहा और सभी ने मेले का आनंद उठाया।