बालाघाट। देश-विदेश के सैलानियों के बीच बाघों के दीदार के लिए प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। पहले ही दिन मुक्की गेट से 27 जिप्सियों में सवार होकर 135 से अधिक पर्यटकों ने जंगल की सफारी का आनंद लिया। पूरे कान्हा जोन में कुल 80 जिप्सियों ने 380 से अधिक पर्यटकों को वन्य जीवों के रोमांचक नज़ारे दिखाए, जिसमें बाघ “जूनियर बजरंग” ने विशेष रूप से पर्यटकों का दिल जीत लिया।
कान्हा नेशनल पार्क में बाघ का दीदार
पहले ही दिन बाघ की उपस्थिति और उसकी दहाड़ ने पर्यटकों को रोमांचित कर दिया। कान्हा के विभिन्न हिस्सों में बाघ के पंजों के निशान भी देखे गए, जिसने सफारी को और रोमांचक बना दिया। बाघ के इस अनमोल दीदार से पर्यटकों का अनुभव अद्वितीय बन गया।
सफारी की शुरुआत:
मुक्की गेट पर वन अधिकारियों, जिप्सी ड्राइवरों, और गाइड्स की उपस्थिति में पारंपरिक नारियल फोड़कर पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद सफारी की औपचारिक शुरुआत हुई। इस दौरान वन अधिकारियों और जिला पुरातत्व, पर्यटन, एवं संस्कृति परिषद (डीएटीसीसी) के सदस्यों ने पर्यटकों का स्वागत किया। साथ ही, स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत मुक्की गेट के आसपास स्वच्छता अभियान भी चलाया गया।
होटल और रिसॉर्ट्स तैयार:
कान्हा नेशनल पार्क के आसपास स्थित सभी होटल और रिसॉर्ट्स भी पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सफारी और बाघ के दीदार के रोमांच के साथ, पर्यटक यहां के बेहतरीन आवासीय सुविधाओं का भी आनंद उठा सकते हैं।
पार्क का समय:
यह विश्व प्रसिद्ध नेशनल पार्क हर साल 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खुलता है और मानसून के दौरान 30 जून को बंद कर दिया जाता है।
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