शरद पुर्णिमा को झाबुआ शहर के सिद्धेश्वर कॉलोनी के गरबा पांडाल में निकली प्रतिमा के मामले में नया मोड़ आ गया है । रात में प्रतिमा निकली अगले सुबह रहवासियों ने वहां चबुतरा निर्माण शुरू कर दिया । शुक्रवार दोपहर में तहसीलदार पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य को रोकने की बात कही ।
दरअसल जिस जगह से अंबे माता की मूर्ति निकली उस जगह को रहवासी नगरपालिका का बगीचा बता रहे हैं । इस सरकारी जमीन मानकर रहवासी यहां अपने सभी मांगलिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं ।
अब इस जमीन विवाद भी है । इसे निजी संपत्ति बताया जा रहा है । जबकि रहवासी इस सरकारी जमीन मानकर यहां मंदिर बनाने की बात पर अड़े हुए हैं । फिलहाल तहसीलदार ने चबुतरा निर्माण रोकने के निर्देश दिए हैं ।
झाबुआ के सिद्धेश्वर कॉलोनी में शरद पूर्णिमा को निकली थी मूर्ति ।
शरद पूर्णिमा की रात इसी जमीन पर गरबा का आयोजन हुआ था । इसके पहले नवरात्रि में यहां 9 दिनों तक मां की आराधना करते हुए गरबा उत्सव का आयोजन रहवासियों ने किया । शरब पूर्णिमा की रात को यहां गरबा और प्रसादी वितरण का कार्यक्रम था . इसी दौरान एक बालिका ने जमीन में मूर्ति होने की बात बताई । जहां खुदाई करने पर जमीन से अंबे माता की प्रतिमा निकली थी । रहवासियों ने यहां चबुतरा बनाना शुरू करवा दिया ।
रहवासियों का कहना है कि जहां माता जी की प्रतिमा निकली वहां मंदिर निर्माण होना चाहिए । हालांकि भूमि निजी है या शासकीय है इसको लेकर विवाद चला आ रहा है । दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं ।
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