झाबुआ – संगीत की दुनिया में छुपी हुई प्रतिभाओं को मंच देने के लिए ASR Music Record लेबल की लॉन्चिंग झाबुआ में की गई। इस मौके पर लेबल के पहले गाने ‘रेलगाड़ी’ को 35 से अधिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, जिनमें यूट्यूब भी शामिल है, पर रिलीज किया गया। खास बात यह रही कि यह गीत भीली बोली में तैयार किया गया है और इसका वीडियो झाबुआ के भगोरिया पर्व के दौरान शूट किया गया।
यूट्यूब पर इसे काफी पसंद किया जा रहा है , लोग कमेंट करके इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं । उम्मीद है आने वाले दिनों में झाबुआ ही नहीं आसपास के जिलों में रेलगाड़ी संगीत प्रेमियों को की बीच जमकर दौड़ेगी ।
अजीत सिंह राठौर: झाबुआ से लेकर बॉलीवुड तक का सफर
ASR Music Record के संस्थापक अजीत सिंह राठौर झाबुआ के ही रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई यहीं से की और बाद में प्रतिष्ठित FTII पुणे से साउंड इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स में बॉलीवुड के नामी निर्देशकों, निर्माताओं और संगीतकारों के साथ काम किया। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है।
हालांकि, मुंबई में 25 साल गुजारने के बाद भी अजीत अपने शहर झाबुआ और उसकी संस्कृति से जुड़े रहे। अपने म्यूजिक लेबल के पहले ही गाने को उन्होंने झाबुआ की भीली बोली में तैयार किया, ताकि क्षेत्रीय संगीत को नई पहचान मिले।

गीत ‘रेलगाड़ी’ को नया रूप, बेस्ट रील बनाने वालों को इनाम
‘रेलगाड़ी’ एक पारंपरिक आदिवासी गीत है, जिसे अजीत ने नए अंदाज में पेश किया है। इसमें आवाज जमीन खान और पाचू ने दी है, और यह गीत आदिवासी संस्कृति की झलक पेश करता है। लॉन्चिंग के साथ ही बेस्ट रील प्रतियोगिता भी शुरू की गई है, जिसमें इस गाने पर सबसे अच्छी रील बनाने वाले को ₹10,000 का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
👉 यहां देखें ‘रेलगाड़ी’ म्यूजिक वीडियो: YouTube लिंक
लॉन्चिंग इवेंट में जुटे संगीत जगत और झाबुआ की जानी-मानी हस्तियां

झाबुआ में आयोजित इस म्यूजिक लॉन्च इवेंट में बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार शैली और मनीष जे टीपू विशेष रूप से शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में झाबुआ की प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद थीं, जिनमें इतिहासकार के.के. त्रिवेदी, ओम शर्मा, अजीत के माता-पिता अशोक राठौर और अर्चना राठौर, उनकी पत्नी, स्थानीय गणमान्य नागरिक और मीडिया जगत की शख्सियतें शामिल थीं।

संगीतकारों और कलाकारों की टीम
इस मौके पर अजीत सिंह राठौर ने अपनी टीम के साथी कलाकारों से भी परिचय करवाया, जिनमें विजय राज पंवार, ऋतेश त्रिवेदी, अभिषेक निनामा और आशीष पांडे शामिल थे।
ASR Music Record की यह पहल न केवल झाबुआ बल्कि देशभर की नई और छुपी हुई संगीत प्रतिभाओं के लिए एक बड़ा मंच बनने जा रही है। अजीत का सपना है कि क्षेत्रीय और आदिवासी संगीत को ग्लोबल पहचान दिलाई जाए, और ‘रेलगाड़ी’ इस दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।