झाबुआ। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार 8 मार्च को झाबुआ जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसे सफल बनाने के लिए तीन मार्च को तहसील न्यायालय थांदला में बैंक अधिकारियों और अधिवक्ताओं की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती विधि सक्सेना ने की।
लोक अदालत न्याय प्रणाली का मजबूत स्तंभ
प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत भारतीय न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो न्याय को लोगों तक सुगमता से पहुंचाने में मदद करता है। इसमें विवादों का समाधान आपसी सहमति से किया जाता है, जिससे समय, श्रम और धन की बचत होती है। साथ ही यह प्रक्रिया अनौपचारिक, शीघ्र और सस्ती होती है, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारियों और अधिवक्ताओं की इसमें विशेष भूमिका होती है। बैंकिंग मामलों में दोनों पक्षों के बीच सहमति से समाधान निकालने पर बैंकों का वित्तीय प्रबंधन बेहतर होता है और ऋणी व्यक्तियों को भी राहत मिलती है। अधिवक्ताओं को अपने पक्षकारों को समझाइश देकर न्यायिक समाधान में सहयोग करना चाहिए।
नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान
प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में सभी अधिकारी और अधिवक्ता सक्रिय भागीदारी निभाएं। इससे न केवल न्याय प्रणाली का बोझ कम होगा, बल्कि समाज में आपसी सौहार्द और समझौते की भावना भी मजबूत होगी।
बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शिव कुमार डावर, न्यायिक मजिस्ट्रेट थांदला सचिन कुमार जाधव, अब्दुल सईद चौधरी, जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल, अधिवक्तागण और बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।
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