झाबुआ। कैथोलिक डायोसिस के धर्माध्यक्ष बिशप पीटर खराडी का झाबुआ पल्ली में प्रथम आगमन पर समाजजनों ने भव्य स्वागत किया। सर्वप्रथम बिशप का साफा बांध पर पारंपरिक आदिवासी झुलड़ी पहनाई गई. मांदल की थाप पर नाचते गाते जुलूस के रूप में समाजजन बिशप खराड़ी को लेकर चर्च पहुँचे, जहां बिशप खराड़ी ने मिस्सा बलिदान चढ़ाई .
बिशप फादर पीटर ख़राडी झाबुआ जिले के थांदला के रहने वाले ।
कैथोलिक डायसिस झाबुआ के नए बिशप के लिए पीटर रूमाल खराड़ी चुने गए हैं। 65 वर्षीय बिशप खराड़ी मूल रूप से थांदला के गांव कलदेला के निवासी हैं। स्थानीय स्तर पर अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अध्ययन के लिए अजमेर और नागपुर भी गए।
सरल, विनम्र जीवन व्यतीत करते हुए लंबे समय से विकार जनरल का कार्य करते हुए वर्तमान में कैथोलिक डायसिस झाबुआ के प्रशासक थे।
स्थानीय होने के साथ साथ यहां की आदिवासी संस्कृति, भाषा, रहन सहन सभी धर्मों के प्रति सम्मान के लिए वह अंचल में काफी लोकप्रिय है।
झाबुआ के पल्ली पुरोहित फादर प्रताप बारिया ने बताया कि बिशप बसिल भूरिया के निधन के बाद से कैथोलिक डायसिस झाबुआ में बिशप का पद रिक्त था।
एक लंबी प्रक्रिया के बाद हमे एक स्थानीय बिशप मिला है।
झाबुआ में नवीन बिशप के प्रथम आगमन पर समाजजनों द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर पल्ली परिषद के सचिव प्रकाश वसुनिया , सभी फ़ादर्स, सिस्टर्स , माता मारिया समिति, युवा संघ, कर्मचारियों एवम बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में जेरोम वाख़ला , रीता गणावा,राहिंग डामोर, सुधीर मण्डोरिया, वरुण मकवाना, सोनू हटीला, ज्योत्सना सिगाड़िया आदि का सहयोग रहा। उक्त जानकारी झाबुआ पीआरओ वैभव खराड़ीं ने दी।
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