झाबुआ के लक्ष्मीबाई मार्ग की रहने वाली प्रेमलता जैन ने एसपी ऑफिस पहुंचकर सूदखोरों की मनमानी और गुंडागर्दी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि आनंदीबाई नामक महिला ने करीब ढाई साल पहले उनसे 40 लाख रुपये उधार लिए थे। 2024 में उनकी सास की मौत के बाद 7 लाख ब्याज भी चुका दिया, लेकिन अब सूदखोर 83 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। उनकी कपड़े की दुकान पर कब्जा कर लिया, इसी दुकान के लिए कर्जा लिया था!
धमकियों और गुंडागर्दी का खेल
प्रेमलता का कहना है कि सूदखोर आए दिन उनके घर पर धमकाने पहुंच जाते हैं और गुंडागर्दी करते हैं। परिवार पर जान का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए वे पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाने एसपी ऑफिस पहुंची हैं!
पुलिस की नाकामी से बिगड़ रहे हालात
झाबुआ में सूदखोरी कोई नई बात नहीं है। पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते हालात सुधरने की बजाय बिगड़ते जा रहे हैं। कुछ महीने पहले एक युवक ने सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। लेकिन अब ये नया बताता है कि पुलिस सूदखोरी को लेकर गंभीर नहीं और हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
कानून का मजाक, लाइसेंस की अनदेखी
सूदखोरी का धंधा बिना किसी लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहा है। नियमानुसार ब्याज दर तय होनी चाहिए, लेकिन यहां लोगों से दो गुना-तीन गुना तक वसूला जा रहा है। बड़ा सवाल यह भी है कि सूदखोरों के पास इतना पैसा आ कहां से रहा है? क्या यह काला धन है? क्या पुलिस इस पर कोई जांच करेगी या फिर इस मामले में भी सिर्फ कागजी कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ लेगी ?
आखिर कब जागेगी पुलिस?
जरूरत है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई हो और अवैध सूदखोरी का जड़ से खात्मा किया जाए, वरना पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल और गहरे हो जाएंगे।