झाबुआ जिले में बड़े क्षेत्र में टमाटर का उत्पादन किया जाता है । खासकर पेटलावद और थांदला क्षेत्र में । स्थानीय स्तर उनता इनका उपभोग नहीं होता । ऐसे में झाबुआ के किसान टमाटर को प्रदेश और देश की दूसरी मंडियो में भेजते हैं । लेकिन कई भाव गिरने की वजह से उत्पादन की लागत भी नहीं निकल पाती है ।
किसानों को फूड प्रोसेसिंग से जोड़ने के मकसद से अब उद्यानिकी विभाग टमाटर उत्पादक किसानों को फूड प्रोसेसिंग बिजनेस जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाए उनके इस बिजनेस के लिए प्रेरित कर रहा है । ताकि स्थानीय स्तर पर ही किसानों के लिए विकल्प मौजूद रहे । इसके लिए उद्यानिकी विभाग ने पेटलावद के टमाटर उत्पादक किसानों का कलस्टर बनाकर उन्हें इसके लिए प्रेरित कर रहा है ।
टमाटर के लिए फूट प्रोसेसिंग यूनिट हब बनाने की तैयारी ।
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक नीरज सांवलिया ने बताया कि टमाटर उत्पाक किसानों का कलस्टर बनाकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट का हब बनाने की कोशिश की जा रही है । इसी को देखते हुए किसानों का चयन कर कलस्टर बनाया गया है । और उन्हें फूड प्रोसेसिंग यूनिट का भ्रमण करवाया गया , ताकि किसान इस इंडस्ट्रिज से जुड़ी बारीकी और जरूरी जानकारी को देख और समझ सके ।
किसानों को टमाटर से तैयार होने वाले उत्पाद , उनमें लगने वाली मशीनरी को देखने समझने के लिए जिल से बाहर संचालित हो रहे अलग-अलग फूड इंडस्ट्रीज का भ्रमण करवाया गया । जिसमें किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया । किसानों ने रहेजा सोलर फूड्स, सनफूड्स इंडस्ट्रीज का भ्रमण कर डिहाईड्रेशन,टमाटर सॉस, केचअप निर्माण को देखा समझा, और इसके संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई ।
सहायक संचालक उद्यानिकी नीरज सांवलिया ने बताया कि जिले में जो कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करना चाहता है तो झाबुआ कॉलेज रोड पर सर्किट हाऊस के पास स्थित उद्यानिकी विभाग के कार्यालय में संपर्क करके ज्यादा जानकारी ले सकता है । इच्छुक नए उद्यमी की निशुल्क डीपीआर बनाकर उद्योग स्थापित करवाने में सहायता की जाएगी ।
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