थांदला। संयम मार्ग को मोक्ष का द्वार मानने वाले जैन धर्म में दीक्षा एक विशिष्ट आध्यात्मिक यात्रा का आरंभ है। इसी कड़ी में आगामी 30 अप्रैल को संयम पथ पर अग्रसर होने जा रहे मुमुक्षु भाई ललित भंसाली और नव्या बहन शाहजी का बहुमान कार्यक्रम थांदला के अणु पब्लिक स्कूल में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य मुमुक्षु आत्माओं के संयमी जीवन की प्रेरणा से विद्यालय के बच्चों में नैतिक मूल्यों व संस्कारों का संचार करना रहा। विद्यालय संचालक प्रदीप गादिया ने दोनों दीक्षार्थियों का परिचय देते हुए उनका स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षिकाएं आशा बैरागी, नीलम भट्ट और वंदना शर्मा सहित संचालक मंडल से सुनीता गादिया व अंकित भंसाली ने भी संयम जीवन की महत्ता पर विचार व्यक्त किए।

बच्चों को संबोधित करते हुए मुमुक्षु ललित भंसाली ने कहा कि सभी धर्म हमें प्रेम, अहिंसा और सदाचार का मार्ग दिखाते हैं। हमें हिंसा, झूठ, चोरी और परिग्रह से दूर रहकर शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहिए। उन्होंने बच्चों को आपसी सहयोग और प्रेम की सीख भी दी।
स्कूल पहुंच कर भावुक हुए
मुमुक्षु नव्या बहन ने भावुक होकर अपने विद्यालय जीवन की यादें साझा करते हुए कहा कि यही विद्यालय उनकी शिक्षा की प्रथम सीढ़ी रहा है और अब इसी परिसर में उन्हें गुरुदेव श्री जिनेंद्र मुनिजी म.सा. एवं पूज्य गुराणी संयमप्रभाजी म.सा. से दीक्षा का सौभाग्य प्राप्त होगा। उन्होंने सभी से आशीर्वाद स्वरूप दीक्षा कार्यक्रम में उपस्थित होने का आग्रह किया। थांदला
कार्यक्रम में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मुमुक्षुओं से संयम जीवन से जुड़े प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने सहज और सरल शब्दों में उत्तर देते हुए समाधान किया। अंत में विद्यालय संचालक श्रेणिक गादिया, प्राचार्य प्रमोद नायर व समस्त स्टाफ ने शाल, श्रीफल और माला पहनाकर दोनों आत्माओं का बहुमान किया।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक शशांक पोरवाल ने किया। वहीं वर्षीदान स्वरूप दीक्षार्थियों ने बच्चों व स्टाफ को चॉकलेट भेंट की। इस अवसर पर ललित के भाई अनिल भंसाली, नव्या के पिता मनीष शाहजी सहित अन्य परिजनों का आभार हर्ष गादिया ने व्यक्त किया।