झाबुआ जिले के राणापुर में श्री कृष्ण गार्डन पर रामकथा का आयोजन हो रहा। कथा का श्रवण करने बड़ी संख्या भक्त पहुंच रहे हैं। रामकथा के 8 वें दिन पर व्यास पीठ पर विराजमान ज्ञानी जी ने संकल्प की महिमा का ज्ञान करवाते हुए कहा कि आपके जीवन मे आपके द्वारा लिया गया संकल्प आपके जीवन की दिशा ओर दशा तय करता है, अतः जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर प्राप्ति के लिए और भक्ति के मार्ग में चलने के लिए शुभ संकल्प की आवश्यकता है।
रामकथा में बताया हनुमान जी का संकल्प ।
उन्होंने हनुमान जी के संकल्प के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने भोर होने से पहले संजीवनी लाने का संकल्प लिया। अपने प्रभु श्री राम को अपने अन्तःकरण में बसा कर संकल्प लिया और संजीवनी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाये।
आपके जीवन में जो भी है जो भी कमाया हुआ है वह सब आपकी गुरु भक्ति और संकल्प का प्रमाण है।
।। जे हरषहिं पर संपति देखी ।
दुखित होहिं पर बिपति बिसेष।
जिन्हहि राम तुम प्रान पियारे।
तिन्ह के मन सुभ सदन तुम्हारे ।।
भगवान श्री राम वनवास के दौरान बाल्मीकि ऋषि के आश्रम पहुँचने पर उनसे अपने रहने का निवास स्थान बाल्मीकि जी से पूछते हैं । तब बाल्मीकि जी राम जी से निवेदन करते हैं कि जो जीव दूसरों के सुख में सुखी व आनंदित हो तथा जो दूसरों का दुःख देखकर अति दुःखी हो जाता हो और जिन्हें राम तुम प्राणों के समान अति प्रिय हो वही उनके अंतर्मन हृदय में तुम्हारे निवास योग्य शुभ व स्थान है।अतः प्राणी मात्र की जीव में प्रभु का निवास है।
आज रामकथा में अष्ठम दिवस भोजन प्रसादी का लाभ मनोज सागर सिंह और मनीष शेतानसिंह ने प्राप्त किया और दैनिक जजमान का लाभ कीर्तिश स्व धूलजी जी राठौड़ ने और आरती प्रसादी का लाभ मांगीलाल रूपचन्द जी ने प्राप्त किया। व्यास पीठ के पूजन का लाभ मुख्य जजमान नारायण जी पंडा, बाबुलाल जी राठौड़ ,मनोज सागर सिंह ,मनीष शैतान सिंह पँवार ने लाभ प्राप्त किया।
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