झाबुआ शहर में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। जेल बगीचा हनुमान मंदिर के पास तेज रफ्तार से एक चार पहिया वाहन पलट गया। और घटना के वक्त उसे एक बिना लाइसेंस के नाबालिग चला रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाहन अंधाधुंध गति से आ रहा था और पलट कर जिस दिशा में रुका, उससे रफ्तार का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। गनीमत रही कि हादसा रात करीब 10 बजे हुआ, जब सड़क पर वाहन की आवाजाही ना के बराबर थी, वरना यह दुर्घटना बड़ी जानमाल की हानि में बदल सकती थी।
घटना में कार में सवार युवकों को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन इससे एक गंभीर सवाल फिर खड़ा हो गया है – क्या झाबुआ की यातायात पुलिस नाबालिग चालकों पर कोई निगरानी रख रही है?

यह केवल झाबुआ शहर तक सीमित नहीं है। गांवों में भी कई जगह छोटे-छोटे बच्चे ट्रैक्टर और बाइक जैसे भारी वाहन चलाते देखे जा सकते हैं। यह केवल उनकी जान के लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
माता-पिता को भी अब सजग होना पड़ेगा। बच्चों के हाथ में वाहन की चाबी देना केवल कानून का उल्लंघन ही नहीं, एक सामाजिक और मानवीय लापरवाही भी है। एक छोटी सी चूक किसी की जान ले सकती है, और इसके जिम्मेदार सिर्फ बच्चे नहीं, उनके अभिभावक भी होंगे।
हर माता-पिता को यह सोचने की जरूरत है – क्या हम अपने बच्चों को वाहन देकर उन्हें खतरे की ओर धकेल रहे हैं? अब वक्त है कि जिम्मेदारी से काम लें, ताकि कोई और हादसा झाबुआ की सड़कों पर न दोहराया जाए।