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Jhabua नवभारत साक्षरता कार्यक्रम , 63 हजार ने लिया परीक्षा में भाग ।

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम,63 हजार ने लिया परीक्षा में भाग ।

jhabua-navbharat-saksharta-pariksha-2025 . झाबुआ जिले में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की बुनियादी मूल्यांकन परीक्षा उत्साहपूर्वक सम्पन्न हो गई। जिले के कुल 1163 परीक्षा केंद्रों पर हजारों शिक्षार्थियों ने भाग लेकर अपनी साक्षरता के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया। राज्य सरकार ने झाबुआ जिले को 74 हजार शिक्षार्थियों का लक्ष्य दिया था, जिसमें से करीब 63 हजार ने परीक्षा में हिस्सा लिया। परीक्षा केंद्रों पर माहौल उत्साह और जिज्ञासा से भरा हुआ था।

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम,63 हजार ने लिया परीक्षा में भाग ।

बुजुर्ग भी बने उदाहरण

इस परीक्षा की खासियत यह रही कि इसमें युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राम विकासखंड के झुमका परीक्षा केंद्र पर 75 वर्षीय श्री केलम डावर ने कहा कि पढ़ने-लिखने में उन्हें बहुत मजा आ रहा है। इसी तरह 76 वर्षीय सिंह खराड़ी ने बताया कि अब वे अपने पूरे परिवार के नाम लिख सकते हैं और पढ़ भी सकते हैं। वहीं 76 वर्षीया विधवा श्रीमती संतु बदिया ने उत्साहपूर्वक कहा कि अब वे खुद को अनपढ़ नहीं मानतीं। उन्होंने स्थानीय बोली में कहा – “हाव हूं वगर भणेली नी मल्डे, मैं अब अनपढ़ नहीं हूं।”

परिवार के साथ सीखने का जुनून

कई परीक्षा केंद्रों पर ऐसे दृश्य देखने को मिले जहां सास और बहू दोनों ने एक साथ परीक्षा दी। इससे यह संदेश गया कि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती। गांव-गांव से महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और युवा सभी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सुबह 10 बजे से ही परीक्षा केंद्रों पर शिक्षार्थियों का आना शुरू हो गया था। हर केंद्र पर औसतन 30 से 40 शिक्षार्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया।

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम,63 हजार ने लिया परीक्षा में भाग ।

प्रशासन और टीम का समर्पण

जिले के अधिकारियों ने स्वयं परीक्षा केंद्रों पर पहुंचकर शिक्षार्थियों का उत्साह बढ़ाया और उनकी हौसला अफजाई की। झाबुआ एसडीएम भास्कर गाचले परीक्षा केन्द्रों पर निरीक्षण करने पहुंचे थे । जिला साक्षरता टीम ने पूरी लगन और समर्पण से काम किया। लगातार जनजागरण, बैठकें और प्रशिक्षण के प्रयासों का ही नतीजा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि यह उपलब्धि सामूहिक प्रयास और समाज की जागरूकता का नतीजा है।

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम,63 हजार ने लिया परीक्षा में भाग ।

शिक्षा से जीवन में बदलाव

परीक्षा में शामिल हुए कई बुजुर्गों ने कहा कि अब वे खुद चिट्ठी पढ़ सकते हैं, परिवार के नाम लिख सकते हैं और अखबार देख सकते हैं। महिलाओं ने भी कहा कि पढ़ाई से आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वे खुद अपने बच्चों की पढ़ाई में मदद कर पाएंगी। शिक्षा के इस अभियान ने ग्रामीण समाज में नई सोच और आत्मनिर्भरता की भावना जगाई है।

झाबुआ का अनोखा उदाहरण

झाबुआ जिले का यह प्रयास प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल है। यहां शिक्षा को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखकर, जीवन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय बोली-बानी और संस्कृति से जोड़कर चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

आगे की दिशा

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के साक्षरता अभियान से न केवल व्यक्तिगत जीवन में बदलाव आता है बल्कि पूरा समाज सशक्त होता है। झाबुआ जिले की यह उपलब्धि आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देगी।

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की यह परीक्षा साबित करती है कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती। जब जज़्बा और इच्छा हो तो 75 साल के बुजुर्ग भी अक्षरों से दोस्ती कर सकते हैं। यही वजह है कि झाबुआ आज साक्षरता की नई पहचान बना रहा है।