भारतीय सेना को सशक्त बनाने वाली संस्था में राकेश भावसार को मिली अहम जिम्मेदारी
झाबुआ। झाबुआ की धरती से निकले, राष्ट्रवादी सोच और सामाजिक सेवा से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री राकेश भावसार को हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति भारत सरकार के रक्षा उत्पादन मंत्रालय द्वारा की गई है। HAL का मुख्यालय बेंगलुरु में है और यह भारत की रक्षा तैयारियों की रीढ़ मानी जाती है।
श्री राकेश भावसार का जन्म और प्रारंभिक शिक्षा झाबुआ में हुई। वे पूर्व जिला संघचालक एवं लोकतंत्र सेनानी स्व. श्री योगेंद्र भावसार के सुपुत्र हैं। स्कूली शिक्षा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल झाबुआ में और कॉलेज की पढ़ाई गणित विषय से शहीद चंद्रशेखर आज़ाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में हुई। वे छात्र जीवन से ही एनसीसी कैडेट रहे और शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में अग्रणी रहे हैं।

संघ से जुड़ाव, शिक्षा और सामाजिक संगठनों में भूमिका
तीन दशक पहले सीए की पढ़ाई के लिए इंदौर जाने के बाद से श्री भावसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में वे विद्या भारती मालवा प्रांत के कोषाध्यक्ष, अवंतिका प्रकाशन न्यास के कोषाध्यक्ष और प्रसिद्ध बाल पत्रिका ‘देवपुत्र’ से जुड़ी संस्था सरस्वती बाल कल्याण न्यास के प्रबंध न्यासी हैं।
HAL क्या है और क्यों खास है?
हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) रक्षा मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, जो भारत के लिए तेजस लड़ाकू विमान, ध्रुव हेलीकॉप्टर, और अन्य रक्षा उपकरणों का निर्माण करता है। HAL भारतीय थल सेना, वायु सेना, तटरक्षक बल और अंतरिक्ष अनुसंधान अभियानों के लिए भी सेवाएं और उपकरण मुहैया कराती है।
HAL की सेवाएं न सिर्फ भारत में, बल्कि 30 से अधिक देशों में निर्यात के माध्यम से भी पहुंचती हैं। HAL ने ISRO के लिए PSLV, GSLV, IRS, और INSAT जैसे प्रक्षेपण यानों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तीन वर्षों तक निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
भारत सरकार द्वारा निदेशक बनाए जाने पर झाबुआ, इंदौर, निमाड़ और मालवा क्षेत्र में खुशी की लहर है। राकेश भावसार का निदेशक के रूप में कार्यकाल तीन वर्षों का रहेगा।
उनकी इस उपलब्धि को झाबुआवासियों ने गौरव की बात बताया और देश सेवा के इस नए पड़ाव पर शुभकामनाएं दीं।