Jhabuapost@ नगरीय निकायों को sewage treatment सीवरेज की ट्रीटमेंट ना करना मंहगा पड़ सकता है । नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त पी नरहरि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को सीवरेज ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए हैं, ऐसा नहीं करने पर निकायों को जुर्माना देना पड़ेगा । आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास पी. नरहरि ने सभी नगरीय निकाय के अधिकारियों को 31 मार्च 2020 तक सीवरेज का शत-प्रतिशत उपचार करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रारंभ होने तक सभी नालियों एवं सीवरेज उत्पन्न करने वाले स्त्रोतों का स्थानीय उपचार करें।
Sewage treatment नहीं करने पर लगेगा जुर्माना
सीवरेज का समय पर उपचार नहीं करने पर गंगा नदी के प्रकरण में जारी निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति देनी होगी। स्थानीय उपचार नहीं करने पर प्रति नाली प्रतिमाह 5 लाख रूपये और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) नहीं प्रारंभ होने पर प्रति एस.टी.पी. प्रतिमाह 5 लाख रूपये के अर्थदण्ड का प्रावधान है। एन.जी.टी. के आदेशानुसार एस.टी.पी. प्रारंभ होने की तिथि 31 मार्च 2021 है।
झाबुआ की बात करें तो झाबुआ नगरपालिका के क्षेत्र में आने वाली अलग-अलग रहवासी कॉलोनियों का गंदा पानी तालाब में आकर मिलता है । छोटे तालाब में मारूति नगर हुड़ा, रतनपुरा के घरों का पानी नालियों से तालाब में आकर मिलता है । नगरपालिका ने इसके लिए योजना भी शुरू की लेकिन योजना परवान नहीं चढ़ पाई । लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी नतीजे में सिफर है और अब भी गंदा पानी जल स्त्रोतों में आकर मिल रहा है ।
इसी तरह का के हालत शहर के होकर गुजरने वाले दो बड़़े नालों का है, जो आगे जाकर अनास नदी में मिलते हैं । और नदी के पानी को दूषित करते हैं । दुषित पानी के उपचार को लेकर जारी निर्देशों को झाबुआ नगरपालिका कितने गंभीर तरीके से लेती है, ये भी देखने वाली बात होगी ।
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