झाबुआ जिला कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
झाबुआ। झाबुआ जिला कांग्रेस ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर विधायक कार्यालय में शोकसभा आयोजित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डॉ. सिंह के देशहित में किए गए ऐतिहासिक कार्यों को याद किया गया और उनके योगदान को नमन किया गया।
कांग्रेस स्थापना दिवस पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस सचिव निर्मल मेहता ने कांग्रेस स्थापना दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष और पार्टी के इतिहास से परिचित कराते हुए बताया कि कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है, जिसने देश को स्वतंत्रता दिलाने और उसके बाद विकास के पथ पर अग्रसर करने में अहम भूमिका निभाई।
डॉ. मनमोहन सिंह के ऐतिहासिक कार्यों का स्मरण
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष यामीन शेख ने डॉ. सिंह के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में वैश्वीकरण और उदारीकरण, सूचना का अधिकार, आधार कार्ड, रोजगार गारंटी, और शिक्षा का अधिकार जैसी ऐतिहासिक योजनाएं लागू की गईं, जो आज भी देश की प्रगति में सहायक हैं।
शहर अध्यक्ष जितेन्द्रसिंह राठौर ने झाबुआ-अलीराजपुर रेलवे लाइन के लिए डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया गया था, जो क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
युवाओं से प्रेरणा लेने का आह्वान
युवा कांग्रेस के प्रवक्ता लोकेन्द्र बिलवाल ने युवाओं से अपील की कि वे डॉ. मनमोहन सिंह के विचारों और कार्यों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह ने अपनी सादगी और दूरदर्शी सोच से देश को नई दिशा दी, जिसे अपनाने की जरूरत है।
श्रद्धांजलि और मौन
कार्यक्रम के अंत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने पुष्प अर्पित कर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया गया।
विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष रूपसिंह डामोर, महिला कांग्रेस की गौरी कटारा, एनएसयूआई अध्यक्ष नरवेश अमलियार, युवा कांग्रेस के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हेमेन्द्र बबलु कटारा, वसीम सैयद, प्रकाश परमार, सामाजिक प्रकोष्ठ के जितेन्द्र शाह, अक्षय कामलिया सहित अनेक सरपंच और युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सभी ने डॉ. मनमोहन सिंह के विचारों और आदर्शों को समाज में फैलाने की प्रतिबद्धता जताई। उनकी विरासत और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन परिचय
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के एक प्रख्यात अर्थशास्त्री, राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे अपनी सरलता, विद्वता और नीतिगत फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उनका जीवन और कार्य देश के आर्थिक और राजनीतिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गाह गांव (वर्तमान में चकवाल जिला) में हुआ था। विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया।
- उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़) से पूरी की।
- इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया।
- उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (D.Phil.) की उपाधि प्राप्त की।
कैरियर की शुरुआत
डॉ. सिंह ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की और वे पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ाते रहे।
- 1971 में वे भारतीय वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए।
- इसके बाद उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (1982-1985) और योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
राजनीतिक जीवन
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक जीवन 1991 में शुरू हुआ, जब वे भारत के वित्त मंत्री बने।
- 1991 के आर्थिक संकट के दौरान, उन्होंने आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के ऐतिहासिक सुधार लागू किए, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था का नया युग शुरू हुआ।
- उन्होंने लाइसेंस राज को समाप्त किया और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन दिया।
प्रधानमंत्री के रूप में (2004-2014)
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
- उनके नेतृत्व में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम), शिक्षा का अधिकार, और आधार कार्ड जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गईं।
- परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal) उनके कार्यकाल का एक बड़ा कदम था, जिससे भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूती मिली।
- उनके कार्यकाल में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत की।
सम्मान और उपलब्धियां
- डॉ. सिंह को उनके कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
- वे 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित हुए।
- उन्हें दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में गिना जाता है।
व्यक्तिगत जीवन
डॉ. मनमोहन सिंह का विवाह गुरशरण कौर से हुआ। उनके तीन बेटियां हैं। वे अपनी सादगी, ईमानदारी और विनम्रता के लिए प्रसिद्ध हैं।
डॉ. सिंह की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और कार्य भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने न केवल देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि राजनीति में गरिमा और नीतिगत दृष्टिकोण को स्थापित किया।