झाबुआ जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल पर चले गए हैं। इनकी नाराजगी का कारण समय पर वेतन न मिलना है। कर्मचारियों ने बताया कि वे कई बार प्रशासन को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का अब तक कोई हल नहीं निकला है।
प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल में सफाई और सुरक्षा की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है, जो समय पर वेतन नहीं देती। किसी को दो महीने का वेतन नहीं मिला है, तो किसी को एक महीने का भी भुगतान नहीं हुआ है। साथ ही, कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी द्वारा पीएफ भी नहीं काटा जा रहा है।

शनिवार को सफाई कर्मचारियों ने काम बंद कर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में झाबुआ के अलावा मेघनगर, राणापुर, सारंगी और पेटलावद से भी कर्मचारी शामिल हुए। उनका कहना है कि जब वेतन की मांग करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।
कर्मचारियों ने बताया कि वे गरीब परिवारों से आते हैं और उनका पूरा जीवन सफाई कार्य से मिलने वाले वेतन पर निर्भर है। समय पर वेतन नहीं मिलने से उन्हें राशन, बिजली, मकान किराया और बच्चों की पढ़ाई जैसी जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई होती है। उन्हें केवल ₹8000 से ₹9000 वेतन मिलता है, जो पहले ही कम है और वह भी समय पर नहीं मिल रहा।

कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें नियमित रूप से वेतन दिया जाए और उनका पीएफ भी कटे। उनका कहना है कि वे कई बार जिला कलेक्टर से मिल चुके हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. बी.एस. बघेल ने कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए कहा, साथ ही चेतावनी दी कि नहीं लौटने पर उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है।
गौरतलब है कि अप्रैल महीने का वेतन भी कर्मचारियों को अब तक नहीं मिला है, जबकि कुछ को मार्च और अप्रैल दोनों महीने का वेतन बकाया है। शनिवार को कर्मचारी सीएमएस ऑफिस भी पहुंचे, लेकिन वहां उनसे किसी अधिकारी की मुलाकात नहीं हो पाई।