राजयोग मन और बुद्धि को एकाग्र करने का आधार है -जयंती दीदी

मन और बुद्धि को एकाग्र करने का आधार है, राजयोग जयंती दीदी हमें अपने मन में उठ रहे विचारों के ट्रैफिक पर कंट्रोल करना होगा । राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से परमात्मा से लिंक जोड़ते हुए आत्मा रूपी बैटरी को चार्ज करना होगा । इससे हमारे जीवन में खुशियां व सफलता स्वत आ जाएंगी ।

स्वामी विवेकानंद जयंती युवा दिवस के अवसर पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज में विद्यार्थियों के समक्ष ब्रह्माकुमारी जयंती बहन ने ये विचार व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि आप जितने भीतर हैं. उतने शांत है महान व्यक्ति के पास जब भी लोग अपनी अशांति का समाधान ढूंढने जाते हैं तो वह कहते हैं थोड़ा अपनी और मुड़िए भीतर उतर जाए सवाल सभी के मन में उठता है ।

आखिर भीतर उतरने से क्या होता है यह बिल्कुल ऐसा है, जैसे फिल्म देखने जाए तो थिएटर में अंधेरा करना ही पड़ता है, अंधकार में चित्र स्पष्ट नजर आते हैं हम जितना गहरी उतरेंगे वह बातें स्पष्ट हो जाएगी जो अशांति का कारण होती है बाहर की दुनिया में जो भौतिक रूप से उजाला है । उसमें सही तथ्य खो जाते हैं । इसलिए कहते हैं भीतर उतरों भीतर उतरेंगे. तब उन बातों का अंतर साफ नजर आएगा जो हमें शांति और अशांति प्रदान करता है ।

राजयोग मन और बुद्धि को एकाग्र करने का आधार

राजयोग से मन स्थिर होता है ।

गहराई में उतरने के लिए आप अपने आप से बातें करने की कला को अर्जित करें उसके लिए एकाग्रता से अपने आप अंदर झांके खुशी के लिए मेरे अंदर रचनात्मक शक्ति जो परमात्मा ने गिफ्ट के रूप में दी है । उससे खुशी व सुखी रहने के श्रेष्ठ सृजनात्मक संकल्प का निर्माण कर खुशी के बीच को अंकुरित करें ।

आप पाएंगे कि अपने अंदर बहुत सारी योग्यताएं परमात्मा प्रदत्त निहित है,उसे समय प्रति समय कार्य में क्रियान्वित करते जाएं तो अशांति वह उदासी आपसे कोसों दूर चली जाएगी इस अवसर पर दीदी ने सभी स्टूडेंट एवं स्टाफ मेंबर्स को मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया ।

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