नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय किसान यूनियन संगठन (स्वतंत्र) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और किसानों के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस मुलाकात में खेती की लागत को कम करने, फसलों के लाभकारी मूल्य प्राप्त करने, और फसलों को जलभराव से बचाने जैसे प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।
आपको बता दें कि पिछले दिनों शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हर मंगलवार को किसान संगठनों से 11-1 बजे तक चर्चा के करेंगे । मध्यप्रदेश में सोयाबीन के दाम 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल को लेकर किसान लगातार प्रदेश भर में आंदोलन कर रहे हैं । कई जगहों पर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर किसान सरकार तक अपनी मांग पहुंचा रहे हैं । प्रदेश लगातार किसान प्रदर्शन के बाद ही केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह का बयान आया था कि किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वे मंगलवार को उपलब्ध रहेंगे ।
हालांकि जिस वक्त शिवराज सिंह चौहान की किसान संगठन के सदस्यों के साथ चर्चा चल रही थी । उस वक्त मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में किसान सोयाबीन के दाम और अति-वृष्टि से बरबाद फसलों के लिए सर्वे और राहत-मुआवजे की मांग कर रहे थे । सीहोर जिले में किसानों ने अत्यधिक बारिश से सोयाबीन की फसल बरबाद होने के बाद अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया । किसानों की शिकायत है कि बारिश से फसल चौपट हो चुकी है । लेकिन अब तक खेतों में सरकारी अमला जायजा लेने नहीं पहुंचा ।
मध्यप्रदेश सोया स्टेट कहलाता है । लेकिन सोया स्टेट में किसान सोयाबीन को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं । महीने भर से भी ज्यादा समय से सोयाबीन की एमएसपी कम से कम 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल करने को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं । किसानों की पीड़ा है कि एक तो फसल की दाम उचित नहीं है, उस पर मौसम की मार ने किसान की कमर तोड़ दी है । बारिश ने किसानों की सारी उम्मीदें तोड़ दी है ।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह का बयान:
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि , “किसानों से जो महत्वपूर्ण विषय उठाए गए हैं, उन पर गंभीरता से चर्चा की गई। अधिक कीटनाशकों के उपयोग से धरती की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, जिसे रोकने के लिए समाधान की दिशा में बात की गई। साथ ही, किसानों को अच्छे बीज और कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी विस्तार से चर्चा हुई।”
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान:
- फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड: किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड की जानकारी को और बेहतर तरीके से लागू करने की मांग की।
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण: फैक्ट्रियों से दूषित पानी के मुद्दे और ट्रांसफार्मर जलने पर उसे कम समय में बदलने की समस्या को भी उठाया गया।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी: इस पर भी विचार किया गया कि किस प्रकार से सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों तक सुगमता से पहुंच सके।
श्री चौहान ने कहा, “किसानों की समस्याएं देखने में छोटी लग सकती हैं, लेकिन उनका समाधान उनकी आय में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकता है।” उन्होंने इस मुलाकात को उपयोगी बताया और कहा कि किसानों की सेवा ही भगवान की पूजा है।
आगे की योजना:
मुलाकात के दौरान राज्य सरकारों से संबंधित सुझावों को राज्य सरकारों तक पहुंचाने की बात कही गई। इसके साथ ही, किसानों द्वारा उठाए गए विभिन्न सुझावों पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया गया है, ताकि उनके लिए वास्तविक समाधान निकाला जा सके।
वीडियो खबर देखने के लिए हमारे चैनल को सबस्क्राइब करें । और अधिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए WWW.jhabuapost.com । लोकल भी ग्लोबल भी