भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निर्देशों के तहत, पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के आदेश पर इंदौर लोकायुक्त इकाई ने आज एक प्रभावी ट्रैप कार्यवाही की।
घटना का विवरण

अलीराजपुर जिले के जोबट तहसील में तैनात अतिथि शिक्षक खीमा अजनार ने जन शिक्षा केंद्र उदयगढ़ के माध्यमिक शिक्षक मनीष भावसार के खिलाफ शिकायत की थी। खीमा ने आरोप लगाया कि मनीष भावसार ने 26 नवंबर 2024 को उनके स्कूल का निरीक्षण किया और विद्यार्थियों की कम उपस्थिति का हवाला देते हुए नौकरी से हटाने की धमकी दी। साथ ही, उन्होंने हर साल ₹10,000 रिश्वत की मांग की।
खीमा अजनार ने लोकायुक्त इंदौर के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय को इस संबंध में शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद, आज 13 दिसंबर 2024 को एक विशेष ट्रैप दल का गठन किया गया। मनीष भावसार को ₹5,000 की रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय में रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
आरोपी के खिलाफ कार्रवाई
गिरफ्तार जन शिक्षक मनीष भावसार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी के कार्यालय में आगे की कानूनी कार्यवाही अभी जारी है।
आलीराजपुर में कार्रवाई में ये अधिकारी रहे शामिल ।
इस कार्यवाही में उप पुलिस अधीक्षक दिनेश चंद्र पटेल, निरीक्षक राजेश ओहरिया, और अन्य पुलिसकर्मी विजय शेलार, आदित्य भदौरिया, शिव प्रकाश पाराशर, आशीष नायडू और शेरसिंह शामिल थे।
लोकायुक्त की अपील
लोकायुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और किसी भी रिश्वतखोरी या अनियमितता की सूचना तुरंत दें। इस प्रकार की कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि भ्रष्टाचारियों को कानून के दायरे में लाया जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और सख्त कदम है और यह साबित करता है कि प्रशासन इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।