खंडवा। जल संरक्षण की दिशा में खंडवा जिले ने देशभर में कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय रैंकिंग में खंडवा पूरे देश में पहले स्थान पर रहा है। यह उपलब्धि “कैच द रेन” अभियान के अंतर्गत “जल संचय, जन भागीदारी” पहल में 1.29 लाख से अधिक जल संरचनाओं के निर्माण से हासिल हुई है।
अभियान की शुरुआत और उद्देश्य
भारत सरकार द्वारा 6 सितंबर 2024 को “कैच द रेन” अभियान शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य वर्षा जल का अधिकतम संचयन और भूजल स्तर में सुधार करना है। इसका मूल मंत्र है – “जहां गिरे, जब गिरे – वर्षा का जल संचित करें।”

खंडवा में कैसे हुआ जल क्रांति का कार्य
खंडवा जिले में मनरेगा, 15वां और 5वां वित्त आयोग, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और स्थानीय जनसहयोग से 1,29,046 जल संरचनाओं का निर्माण और पंजीकरण किया गया है। यह जानकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने दी।
कम लागत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ
इस अभियान में कम लागत, वैज्ञानिक विधियों और जन भागीदारी के जरिए भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा दिया गया। इससे जिले में न केवल भूजल स्तर में सुधार हुआ, बल्कि भविष्य की जल सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है।
राष्ट्रीय प्रेरणा बना खंडवा मॉडल
खंडवा का यह मॉडल जल संरक्षण के क्षेत्र में पूरे देश के लिए उदाहरण बन गया है। यह साबित करता है कि यदि जनसहयोग और प्रशासन साथ मिलकर काम करें, तो जल संकट जैसी गंभीर चुनौती को भी हल किया जा सकता है। खंडवा जिले ने यह दिखाया है कि जल संरक्षण सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि जन आंदोलन बन सकता है। यह अभियान आने वाले वर्षों में देश के अन्य जिलों के लिए दिशा और प्रेरणा देने का कार्य करेगा।