भोपाल/रतलाम, 1 अगस्त।
मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने रतलाम को अलग संभाग का दर्जा देने की पुरजोर मांग उठाई। उन्होंने तर्क दिया कि रतलाम को संभाग बनाने से न केवल जिले बल्कि आसपास के जिलों – नीमच, मंदसौर, झाबुआ और अलीराजपुर – के लाखों लोगों को प्रशासनिक लाभ मिलेगा।
प्रशासनिक दृष्टिकोण से सुविधाजनक होगा नया संभाग
विधायक डोडियार ने कहा कि फिलहाल रतलाम सहित इन सभी जिलों के लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए उज्जैन या इंदौर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। रतलाम में पहले से ही पर्याप्त प्रशासनिक ढांचा मौजूद है – 23 पुलिस स्टेशन, 1089 गाँव, 418 ग्राम पंचायतें, एक नगर निगम, एक नगरपालिका और सात नगर परिषदें।

क्षेत्रीय विकास और बेहतर बुनियादी सुविधाओं की उम्मीद
संभाग बनने से रतलाम को विकास की दिशा में नई रफ्तार मिलेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और अन्य सेवाओं में सुधार की संभावनाएं बनेंगी। डोडियार ने यह भी कहा कि इससे न सिर्फ रतलाम, बल्कि आसपास के जिलों में भी विकास की गति तेज होगी।
स्व. दिलीप सिंह भूरिया भी कर चुके हैं यह मांग
रतलाम को संभाग बनाने की मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है। वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया ने भी इस मुद्दे को मजबूती से उठाया था। उनका मानना था कि रतलाम क्षेत्र को विशेष प्रशासनिक और विकासात्मक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। हालांकि 24 जून 2015 को उनके निधन के बाद यह मुहिम धीमी पड़ गई थी।
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