भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाया जाएगा। इसके लिए पशुपालन विभाग का नाम बदलकर अब पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने निवास पर आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जिसमें प्रदेशभर से आए गौपालकों और गौशाला संचालकों ने भागीदारी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 90 करोड़ रुपये की अनुदान राशि गौशालाओं को अंतरित की।
मुख्यमंत्री ने भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तीन हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ऋण स्वीकृति आदेश भी प्रदान किए।

दूध उत्पादन को पांच गुना बढ़ाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य मध्यप्रदेश को देश की दुग्ध राजधानी बनाना है। इसके लिए प्रदेश में हाईटेक गौशालाएं संचालित की जा रही हैं और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना पर काम हो रहा है। राज्य में वर्तमान में प्रतिदिन साढ़े पांच करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता है। इस लक्ष्य को पांच गुना तक बढ़ाने की योजना है। दूध उत्पादन और संग्रहण के लिए समितियों की संख्या को 9 हजार से बढ़ाकर 26 हजार करने का संकल्प लिया गया है।
गौशालाओं को मिलेगा अधिक अनुदान
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने गौशाला संचालन के लिए प्रति गाय प्रतिदिन अनुदान राशि 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दी है। साथ ही बड़ी गौशालाओं के लिए 125 एकड़ तक जमीन उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि अगले तीन वर्षों में गौपालन के क्षेत्र में प्रदेश का परिदृश्य पूरी तरह बदल जाए।

प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश से प्राप्त गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद तैयार कर किसान रसायन मुक्त खेती कर सकेंगे। सरकार प्राकृतिक खाद से उत्पादित अनाज का किसानों को अधिक मूल्य देगी। इंदौर, देवास, रीवा सहित कई जिलों में गौशालाओं के माध्यम से सीएनजी गैस का उत्पादन भी किया जा रहा है।
हर ब्लॉक में बनेगा वृंदावन ग्राम, बच्चों को मिलेगा गाय का दूध
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर ब्लॉक में वृंदावन ग्राम बनाए जाएंगे, जहां बच्चों को गाय का दूध मिलेगा। इससे कुपोषण की समस्या पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि गायों और अन्य पशुओं के लिए भगवान श्रीकृष्ण समर्पित थे, हमें भी उसी भावना से सेवा करनी चाहिए।
गौपालन और डेयरी से बढ़ेगी आय
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौपालन ऐसा माध्यम है जो सीधा आय देता है। सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ समझौता किया है ताकि डेयरी उद्योग को विस्तार दिया जा सके। अम्बेडकर कामधेनु योजना के अंतर्गत गाय पालन के लिए अनुदान और ऋण सुविधा दी जा रही है।
73 गौशालाओं को पंजीयन प्रमाण पत्र, 7 को पुरस्कार
सम्मेलन में 73 गौशालाओं को पंजीयन प्रमाण पत्र दिए गए और भोपाल, दमोह, रायसेन, छिंदवाड़ा, हरदा, अनूपपुर और विदिशा जिलों की 7 गौशालाओं को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। गौसेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं को आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रदेश में बनेंगी हाईटेक स्वावलंबी गौशालाएं
पशुपालन राज्य मंत्री लखन पटेल ने बताया कि प्रदेश में 30 स्थानों पर 5000 से 25000 गोवंश क्षमता वाली हाईटेक स्वावलंबी गौशालाएं बनाई जाएंगी। इनमें जैविक खाद, सीएनजी उत्पादन और सौर ऊर्जा की व्यवस्था भी होगी। कामधेनु योजना में 200 गोवंश रखने वालों को 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
सम्मेलन में शामिल हुए जनप्रतिनिधि
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में सांसद वी.डी. शर्मा, मंत्री विश्वास सारंग, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित प्रदेशभर से गौपालक और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।