झाबुआ, 20 जून – झाबुआ जिले में किसानों से खाद और बीज की खरीददारी में की जा रही मनमानी के खिलाफ अब भील सेना और जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है। दोनों संगठनों ने आरोप लगाया है कि दुकानदार किसानों से एमआरपी से तीन गुना तक दाम वसूल रहे हैं, और कोई रसीद या जीएसटी बिल भी नहीं दे रहे।
भील सेना के जिलाध्यक्ष रवि भूरिया ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि-
बीज के 800–900 रुपये के पैकेट किसानों को 1100 रुपये या उससे अधिक में बेचे जा रहे हैं
कपास के बीज, जिसकी अधिकतम कीमत 700 रुपये है, उसे 2000 रुपये में बेचा जा रहा है
दुकानदारों द्वारा रेट लिस्ट नहीं लगाई जाती और किसानों को बिल नहीं दिया जाता

जयस जिलाध्यक्ष विजय डामोर ने भी इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि:
“जिले के सभी खाद-बीज विक्रेता एमआरपी पर ही सामग्री बेचें और जीएसटी बिल देना अनिवार्य करें। यदि एक्सपायरी डेट वाला खाद या बीज बेचा गया, तो उसका लाइसेंस निरस्त कराया जाएगा। किसानों के साथ धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन से भी आग्रह है कि ऐसे व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।”

ये है प्रमुख मांगें!
दुकानदार सरकारी दर पर ही खाद-बीज बेचें
जीएसटी रसीद देना अनिवार्य किया जाए
एक्सपायरी डेट वाले उत्पादों की बिक्री पर रोक लगे
तीन गुना वसूली करने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो
ज्ञापन में दीपक, आशीष, संजीव, महेश गामड़ समेत अन्य कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं।