आदिवासी किसान के साथ धोखाधड़ी । झाबुआ, एक आदिवासी बाहुल जिला, जहां के भोले-भाले आदिवासी समुदाय अक्सर धोखाधड़ी के शिकार बनते हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला मंगलवार को जनसुनवाई में सामने आया। राणापुर जनपद के परतली गांव के निवासी भूर सिंह भयड़िया ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें मृत घोषित कर उनकी कृषि भूमि किसी और के नाम कर दी गई है।
भूर सिंह भयड़िया ने पेश की शिकायत
भूर सिंह भयड़िया ने जनसुनवाई में आरोप लगाया कि पटवारी और कोटवार की मिलीभगत से उनकी जमीन को उसी गांव के रहने वाले भूर सिंह अखाड़िया के बेटे हिम्मत सिंह के नाम कर दिया गया। भूर सिंह अखाड़िया का निधन हो चुका है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी कृषि भूमि खाता नंबर 52, सर्वे नंबर 40/3, 82/4, 83/3, 197/1, और 147/2 पर स्थित है। कुल रकबा 1.22 हेक्टेयर और लगान 3.28 है। यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम दर्ज है।
दूसरी भूमि की जानकारी
भूर सिंह ने बताया कि हिम्मत सिंह के पिता भूर सिंह मिशू अखाड़िया की जमीन अलग खाता क्रमांक 88 और सर्वे नंबर 285, 311, 370, 388, 395, 553 पर स्थित है। इसका कुल रकबा 2.25 हेक्टेयर और लगान 6.39 है।
आदिवासी किसान के साथ धोखाधड़ी का आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि एक ही नाम का फायदा उठाकर उनके साथ यह धोखाधड़ी की गई। उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन हिम्मत सिंह के नाम कर दी गई। भूर सिंह ने निष्पक्ष जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए अपनी जमीन और दस्तावेज वापस दिलाने की गुहार लगाई है।
प्रशासन से न्याय की उम्मीद
यह मामला झाबुआ जिले में आदिवासी किसानों के अधिकारों और भूमि सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्या को उजागर करता है। जनसुनवाई में प्रस्तुत इस मामले ने मैदानी अमली की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं, हालांकि मामले की सच्चाई क्या है, ये तो भी सामने आ पाएगा जब अधिकार किसान की शिकायत पर गांव जाकर पूरे मामले की पड़ताल करेंगे । पर भी सवाल खड़े किए हैं।